TIO, वॉशिंगटन
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूस-यूक्रेन शांति वार्ता के दौरान यूएस के यूरोपीय देशों के पक्ष में खड़े होने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मनाने के लिए अमेरिका का दौरा किया, लेकिन उन्हें इस दौरे में अभी तक ट्रंप प्रशासन की तरफ से कोई पक्का आश्वासन नहीं मिला है। हालांकि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक को टर्निंग पॉइंट करार दिया है।
ट्रंप को यूरोपीय देशों के पाले में लाने की कोशिश
डोनाल्ड ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अमेरिका आने वाले मैक्रों पहले यूरोपीय नेता हैं। मैक्रों ने ट्रंप से अपील की कि रूस के साथ यूक्रेन पर युद्धविराम समझौते पर बात करते हुए वे कमजोर न लगें। गौरतलब है कि अमेरिका ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन के प्रस्ताव के खिलाफ रूस के समर्थन में मतदान किया है। दरअसल यूक्रेन ने रूसी हमले की निंदा करते हुए रूस से यूक्रेन से तुरंत सेना वापस बुलाने की मांग करते हुए प्रस्ताव पेश किया था। यूरोपीय देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, लेकिन अमेरिका ने अपनी पुरानी नीतियों के उलट जाकर रूस के समर्थन में मतदान किया।
अमेरिका और यूरोपीय देशों में यूक्रेन के मुद्दे पर उभरे मतभेद
फ्रांसीसी राष्ट्रपति के अमेरिका दौरे से यूरोपीय देशों और अमेरिका के बीच यूक्रेन के मुद्दे पर मतभेद भी खुलकर सामने आ गए हैं। दरअसल जब मैक्रों और ट्रंप मीडिया से बात कर रहे थे तो उस दौरान यूक्रेन को दी गई आर्थिक मदद को लेकर सवाल किया गया तो ट्रंप ने दावा किया गया यूरोप ने यूक्रेन को जो आर्थिक मदद दी, वह उधार के रूप में दी गई और यूरोप अपना पैसा यूक्रेन से वापस भी ले रहा है। इस पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने ट्रंप का हाथ पकड़कर उनकी बात काटी और कहा कि यूरोप ने यूक्रेन की आर्थिक मदद की है और यूक्रेन को दी गई कुल आर्थिक मदद में से 60 फीसदी पैसा यूरोपीय देशों ने दिया है। मैक्रों ने आरोप लगाया कि अमेरिका ने आर्थिक मदद कर्ज के रूप में दी है।
मैक्रों ने कहा है कि ‘यूक्रेन के लिए जो शांति प्रस्ताव तैयार हो रहा है, उसमें यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी होनी चाहिए। शांति का मतलब यूक्रेन का आत्मसमर्पण नहीं होना चाहिए। मैक्रों ने कहा कि बिना गारंटी युद्धविराम का कोई मतलब नहीं।’