TIO, जम्मू।
जम्मू संभाग में बढ़ती आतंकी घटनाओं के मद्देनजर नई रणनीति के तहत अब गांव-गांव में युवाओं की ब्रिगेड तैयार की जाएगी। इन्हें विशेष पुलिस अफसर (एसपीओ) के रूप में जम्मू-कश्मीर पुलिस में नियुक्त किया जाएगा। इन्हें हथियारों का प्रशिक्षण दिया जाएगा जो स्थानीय स्तर पर दहशतगर्दों से मुकाबला करेंगे। गृह मंत्रालय के निर्देश पर फिलहाल 100 से अधिक गांवों को चिह्नित किया गया है जहां एसपीओ रखे जाएंगे।
आतंकवाद प्रभावित डोडा, रियासी, राजोरी व पुंछ में फिलहाल एसपीओ की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई है। पुंछ में 47, राजोरी व रियासी में 22-22 तथा डोडा में 27 गांवों को चिह्नित किया गया है जहां एसपीओ रखे जाएंगे। गांव के युवाओं की भर्ती परीक्षा होगी। हालांकि, यह केवल शारीरिक होगी। इसमें लिखित परीक्षा का प्रावधान नहीं रखा गया है। इन युवाओं को प्रति महीने छह हजार रुपये मानदेय मिलेगा। सूत्रों ने बताया कि जम्मू संभाग में एसपीओ की तैनाती इसी महीने पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि जल्द से जल्द इन युवाओं को ट्रेनिंग देकर तैनात किया जा सके।
सूत्रों ने बताया कि जून में रियासी, डोडा और कठुआ में लगातार हुई आतंकी घटनाओं के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठक कर जम्मू संभाग से आतंकवाद का सफाया करने का निर्देश दिया था। इसके तहत जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करते हुए आतंकियों तथा उनके मददगारों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की रणनीति बनाई गई थी। माना जा रहा है कि आतंकवाद ग्रस्त इलाकों के गांवों में एसपीओ की तैनाती इसी रणनीति का हिस्सा है। एडीजी आनंद जैन का कहना है कि आतंकी घटनाओं के प्रति पूरी सख्ती बरती जाएगी। एसपीओ के जरिये गांवों में सुरक्षा ग्रिड को और मजबूत बनाया जाएगा।
कश्मीर में सख्ती तो जम्मू पर निशाना
अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में सख्ती से आतंकवाद तथा अलगाववाद पर काफी हद तक अंकुश लगाने में सफलता मिली है। इसके बाद सीमा पार के इशारे पर जम्मू संभाग को अशांत करने की साजिश के तहत राजोरी-पुंछ के बाद डोडा, रियासी व कठुआ में दहशतगर्दों ने सक्रियता बढ़ाई। इनमें हाल में घुसपैठ कर दाखिल हुए पाकिस्तानी आतंकी भी शामिल है। शांत इलाकों में दोबारा आतंकवाद को जिंदा करने की साजिश से सभी सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गई हैं। इसके तहत आतंकियों के साथ ही उनके मददगारों की भी तलाश शुरू कर दी गई है।