TIO, नई दिल्ली।
30 मई को केरल में एंट्री करने के बाद 28 जून तक मानसून देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पहुंच गया है। दिल्ली में गुरुवार-शुक्रवार को बारिश ने 88 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इतना ही नहीं, मूसलाधार बारिश ने राजधानी में खूब तबाही भी मचाई। दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल एक की छत ढह गई। वहीं भारी बारिश से शहर से लेकर निचली बस्तियां जलमग्न हो गई थी। सड़के भी दरिया बन गई थी। इस रिकार्ड तोड़ बारिश को लेकर अब मौसम विभाग ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
आईएमडी ने कहा कि वेदर मॉडल दिल्ली की बारिश के बारे में पूवार्नुमान लगाने में विफल रहा है। 26 जून को कटऊ ने 29 और 30 जून को दिल्ली में बहुत भारी बारिश की भी संभावना जताई गई थी, लेकिन शुक्रवार सुबह की मूसलाधार बारिश की किसी को उम्मीद नहीं थी। 28 जून के लिए सिर्फ हल्की से मध्यम बारिश और आंधी-तूफान के साथ तेज हवाओं की भविष्यवाणी की थी।
वहीं सरकार ने देशभर के सभी एयरपोर्ट्स के स्ट्रक्चर की जांच करने के आदेश दिए हैं। दरअसल, बारिश की वजह से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर पिकअप-ड्रॉप एरिया की छत और सपोर्टिंग पिलर गिर गया था। इसमें कई कारें दब गईं। कार में बैठे एक कैब ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 8 लोग घायल हुए। इस हादसे के बाद एयरपोर्ट्स अथॉरिटी आॅफ इंडिया ने देश के सभी छोटे-बड़े एयरपोर्ट्स की स्ट्रक्चरल मजबूती की जांच करने का सर्कुलर जारी किया है। इस जांच को अगले 2-5 दिन में पूरा करने और मंत्रालय को इसकी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है।
उधर, मौसम विभाग ने आज दिल्ली समेत 27 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, गोवा, मध्य महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली, छत्तीसगढ़, बिहार, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और तटीय कर्नाटक शामिल हैं।
मानसून कहां-कहां पहुंचा
दक्षिण-पश्चिम मानसून निकोबार में 19 मई को पहुंच गया था। केरल में इस बार दो दिन पहले, यानी 30 मई को ही मानसून पहुंच गया था और कई राज्यों को कवर भी कर गया। फिर 12 से 18 जून तक (6 दिन) मानसून रुका रहा। 6 जून को मानसून ने महाराष्ट्र में एंट्री ली और 11 जून को गुजरात में दाखिल हुआ।
मानसून 12 जून तक केरल, कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को पूरी तरह कवर कर चुका था। साथ ही दक्षिण महाराष्ट्र के ज्यादातर हिस्सों, दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, दक्षिणी ओडिशा, उपहिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और सभी पश्चिमोत्तर राज्यों में पहुंच गया था।
18 जून तक मानसून महाराष्ट्र के जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा, ओडिशा के मलकानगिरी और आंध्र प्रदेश के विजयनगरम तक पहुंचा था। हालांकि, इसके बाद मानसून रुका रहा। 21 जून को मानसून डिंडौरी के रास्ते मध्य प्रदेश पहुंचा और 23 जून को गुजरात में आगे बढ़ा।
25 जून को मानसून ने राजस्थान में एंट्री ली और मध्य प्रदेश के आधे के ज्यादा क्षेत्र को कवर कर लिया। 25 जून की ही रात मानूसन ललितपुर के रास्ते उत्तर प्रदेश में दाखिल हुआ। 26 जून को मानसून टढ और वढ में आगे बढ़ा। 27 जून को मानसून उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तरी पंजाब में दाखिल हुआ।
28 जून को मानसून ने दिल्ली और हरियाणा में एंट्री ली। 3 जुलाई तक मानसून के दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और राजस्थान पूरी तरह कवर कर लेने का अनुमान है। मौसम विभाग का अनुमान है कि जून में मानसून सामान्य से कम यानी 92% लंबी अवधि के औसत ) से कम रहेगा।