TIO, नई दिल्ली।
लोकसभा चुनाव के छठे चरण में यूपी समेत छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेश की कुल 58 सीटों पर शनिवार को मतदान होगा। छठे चरण के साथ ही लड़ाई मुख्य रूप से देश की सत्ता के केंद्र यानी दिल्ली और उसके पड़ोसी राज्य हरियाणा में केंद्रित हो गई है। यहां सत्तारूढ़ भाजपा का काफी कुछ दांव पर लगा है और कांग्रेस या विपक्ष के पास खोने के लिए कुछ खास नहीं है। पिछले चुनाव में भाजपा को हरियाणा की सभी 10 और दिल्ली की सभी 7 सीटों पर जीत मिली थी और उसने क्लीन स्वीप किया था।
इस बार हरियाणा और दिल्ली में परिस्थितियां कुछ अलग हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन में चुनाव लड़ रही हैं। हरियाणा में आप एक सीट और दिल्ली में चार सीटों पर, शेष सभी सीटों पर कांग्रेस लड़ रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निशाने पर सीधे भाजपा है। उनकी पूरी कोशिश भाजपा के खिलाफ वोटों को संगठित करने की है। वहीं, हरियाणा में भाजपा सरकार से हाल ही में तीन निर्दलीय विधायक अलग हुए हैं। दुष्यंत चौटाला की पार्टी जननायक जनता पार्टी पहले ही सरकार से अलग हो गई है। इस बीच, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केजरीवाल को घेर रही भाजपा को राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में भी उन्हें घेरने का मौका मिल गया है। ऐसे में इस चरण की लड़ाई बेहद दिलचस्प बन गई है।
इस चरण में उत्तर प्रदेश की 14, हरियाणा की 10, बिहार की 8, झारखंड की 4, ओडिशा की 6, पश्चिम बंगाल की 8, दिल्ली की 7 और जम्मू-कश्मीर की 1 सीट पर कुल 889 प्रत्याशी मैदान में हैं। पहले जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट पर तीसरे चरण में चुनाव होना था, लेकिन खराब मौसम के कारण उसे टालकर छठे चरण में कर दिया गया। अगर इस चरण की सीटों के समग्र नतीजों को देखें, तो भाजपा को 58 में से 40 सीटों पर कामयाबी मिली थी। उपचुनाव में सपा के हाथ से इकलौती सीट आजमगढ़ छिन गई। वहां से भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ ने बाजी मारी थी।
इन नए चेहरों पर भी नजर
बांसुरी स्वराज:भाजपा ने नई दिल्ली से बांसुरी स्वराज को प्रत्याशी बनाया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी पेशे से वकील और अपनी मां की तरह वाकपटु भी हैं। उनका मुकाबला आम आदमी पार्टी के सोमनाथ भारती से है।
अग्निमित्रा पॉल: प. बंगाल की मेदिनीपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी अग्निमित्रा पॉल का मुकाबला तृणमूल की जून मालिया से है। पेशे से डिजाइनर पॉल आसनसोल से विधायक भी हैं। वहीं, मालिया बंगाली फिल्मों की अभिनेत्री हैं।
अभिजीत गंगोपाध्याय:लंबे कानूनी कॅरिअर के बाद जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय सियासी पारी शुरू कर रहे हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश रहे गंगोपाध्याय को भाजपा ने तुमलुक से उतारा है। यहां पिछली बार तृणमूल को जीत मिली थी। इस बार कवि देबांगशु भट्टाचार्य मैदान में हैं।
कन्हैया कुमार: जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से मैदान में हैं। उनके सामने भाजपा नेता और वर्तमान सांसद मनोज तिवारी हैं।
दांव पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा
धर्मेंद्र प्रधान: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ओडिशा के संबलपुर से मैदान में हैं। वह यहीं से मौजूदा सांसद भी हैं। उनका मुकाबला बीजद के प्रणव प्रकास दास से है।
मेनका गांधी:केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी भाजपा के टिकट पर फिर सुल्तानपुर से मैदान में हैं। मौजूदा सांसद के सामने सपा से पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद व बसपा से उदराज वर्मा मैदान में हैं।
मनोज तिवारी: दिल्ली में भाजपा ने अपने सभी सात सांसदों में से सिर्फ मनोज तिवारी को फिर मौका दिया है। उनका मुकाबला विपक्षी गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार से है। जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष रहे कन्हैया पिछले चुनाव में बिहार की बेगूसराय सीट से हार गए थे।
मनोहर लाल: इस चुनाव में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी किस्मत आजमा रहे हैं। उन्हें भाजपा ने हरियाणा की करनाल सीट से उतारा है। मार्च 2024 में नायब सिंह सैनी की ताजपोशी से पहले वह हरियाणा के मुख्यमंत्री थे।
महबूबा मुफ्ती: पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट से मैदान में हैं। उनका मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रत्याशी धार्मिक नेता मियां अल्ताफ से है।
संबित पात्रा : भाजपा ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को ओडिशा की पुरी सीट से मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला बीजद के अरूप पटनायक से है। पात्रा पिछली बार भी यहां से मैदान में थे, लेकिन हार गए थे।
नवीन जिंदल: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए नवीन जिंदल को पार्टी ने कुरुक्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है। पिछली बार कांग्रेस टिकट पर लड़े जिंदल को भाजपा प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था। उनके सामने आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता, इनेलो के अभय चौटाला और जजपा के पाला राम सैनी हैं।