TIO, नई दिल्ली

दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए 5 फरवरी को सिंगल फेज में वोटिंग होगी। लोकसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक का हिस्सा रहीं 5 पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं। इनमें आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस सभी 70 सीटों पर आमने-सामने हैं। वहीं, कम्युनिस्ट पार्टी आॅफ इंडिया (सीपीआई) ने 6, कम्युनिस्ट पार्टी आॅफ इंडिया- मार्कसिस्ट (सीपीएम) और कम्युनिस्ट पार्टी आॅफ इंडिया- मार्कसिस्ट लेनेनिस्ट (सीपीआई-एमएल) ने 2-2 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। भाजपा ने 68 सीटों पर कैंडिडेट उतारे हैं। दो सीटें सहयोगी पार्टियों को दी हैं। इसमें जनता दल- यूनाइटेड (खऊव) ने बुराड़ी और लोक जनशक्ति पार्टी- रामविलास (एलजेपी-आर) ने देवली सीट से प्रत्याशी उतारे हैं।

महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) 30 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने सभी सीटों पर भाजपा को समर्थन दिया है। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) 70 और असदुद्दीन ओवैसी की आॅल इंडिया मजलिस-ए-इत्तिहादुल मुस्लिमीन 12 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को आएंगे।

19% उम्मीदवार दागी, 81 पर हत्या-बलात्कार जैसे गंभीर मामले दर्ज
चुनाव आयोग के मुताबिक निर्दलीय समेत विभिन्न पार्टियों के कुल 699 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने इन सभी उम्मीदवारों के हलफनामों की जांच करके एक रिपोर्ट तैयार की है। इसके मुताबिक करीब 19 फीसदी यानी 132 उम्मीदवार आपराधिक छवि के हैं। इनमें से 81 पर हत्या, किडनैपिंग, बलात्कार जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। 13 उम्मीदवार महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आरोपी हैं।

5 उम्मीदवारों के पास 100 करोड़ से ज्यादा संपत्ति, 699 में सिर्फ 96 महिलाएं
एडीआर के अनुसार 5 उम्मीदवारों के पास 100 करोड़ रुपए या उससे ज्यादा की संपत्ति है। इसमें 3 भाजपा के जबकि एक-एक कांग्रेस और आप का है। भाजपा उम्मीदवारों की औसत संपत्ति करीब 22.90 करोड़ रुपए है। वहीं, तीन उम्मीदवारों ने अपनी संपत्ति शून्य बताई है। करीब 28% यानी 196 उम्मीदवारों ने अपनी उम्र 25 से 40 साल के बीच बताई है। 106 (15%) की उम्र 61 से 80 साल के बीच, जबकि तीन की उम्र 80 साल से ज्यादा है। सभी 699 उम्मीदवारों में 96 महिलाएं हैं, जो करीब 14% होता है। प्रत्याशियों के एजुकेशन क्वालिफिकेशन की बात करें तो 46% ने अपने आपको 5वीं से 12वीं के बीच घोषित किया है। 18 उम्मीदवारों ने खुद को डिप्लोमा धारक, 6 ने साक्षर और 29 ने असाक्षर बताया है।

दिल्ली में 18% स्विंग वोटर्स किंगमेकर
लोकसभा चुनाव में दिल्ली की 7 सीटों पर आप और कांग्रेस साथ चुनाव लड़ा था। आप ने 4 और कांग्रेस ने 3 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सभी 7 सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया। भाजपा को 54.7%, जबकि इंडिया ब्लॉक को कुल 43.3% वोट मिला था। जीत-हार का मार्जिन सभी सीटों पर औसतन 1.35 लाख रहा था। भाजपा 52 विधानसभा सीटों पर आगे रही थी। दिल्ली चुनाव लोकसभा के करीब 9 महीने बाद होते हैं लेकिन इतने कम वक्त में ही वोटिंग ट्रेंड्स में बड़ा बदलाव दिखता है। पिछले दो लोकसभा (2014 और 2019) और दो विधानसभा चुनावों (2015 और 2020) के डेटा के मुताबिक करीब 18% स्विंग वोटर्स दिल्ली की सत्ता तय करते रहे हैं।

स्विंग वोटर या फ्लोटिंग वोटर वह मतदाता होता है जो किसी पार्टी से जुड़ा नहीं होता। वह हर चुनाव में अपने फायदे-नुकसान के आधार पर अलग-अलग पार्टी को वोट देता है। 2014 में भी भाजपा ने लोकसभा की सभी 7 सीटें जीती थीं। इस दौरान विधानसभा की 70 में से 60 सीटों पर भाजपा आगे रही थी। जबकि 2015 विधानसभा चुनाव में भाजपा सिर्फ 3 सीटें ही जीत सकी और अअढ ने 67 सीटों पर कब्जा जमाया। इसी तरह 2019 में भी भाजपा ने सातों लोकसभा सीटें जीतीं और 65 विधानसभा सीटों पर आगे रही। वहीं, 2020 के विधानसभा चुनाव में अअढ ने 62 और भाजपा ने 8 सीटें जीतीं।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER