TIO, नई दिल्ली।
इस साल के अंत में महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। चुनाव आयोग का दल मुंबई दौरे पर पहुंचा है। ताजा घटनाक्रम में अक्तूबर के दूसरे हफ्ते में चुनाव की तारीखों की घोषणा संभव होने की बात सामने आई है। बीते दिनों मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार खुद संकेत दे चुके हैं कि झारखंड में भी चुनाव की तारीखों का एलान जल्द किया जा सकता है।
चुनाव आयोग की टीम महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों का जायजा लेने बृहस्पतिवार को देर शाम मुंबई पहुंची। महाराष्ट्र के दौरे पर पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, सुखबीर सिंह संधू के साथ लगभग 12 अधिकारियों का दल है। आयोग अगले दो दिन तक राज्य में चुनावी तैयारी की समीक्षा करेगा। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है।
सभी पक्षों से मुलाकात के बाद फैसला करेगा आयोग
महाराष्ट्र दौरे पर चुनाव आयोग के अधिकारी राजनीतिक दलों, प्रवर्तन एजेंसियों के प्रतिनिधियों, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के नोडल अधिकारियों, विशेष पुलिस नोडल अधिकारियों, मुख्य चुनाव अधिकारियों, राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रशासनिक सचिवों और वरिष्ठ पुलिसकर्मियों से मुलाकात करेगा।
चुनाव की तारीखों का एलान कब?
आयोग अक्तूबर के दूसरे सप्ताह में कभी भी चुनाव की तारीखों का एलान कर सकता है। संभावना जताई जा रही है कि दोनों राज्यों में नवंबर में एक साथ विधानसभा के चुनाव कराए जा सकते हैं।उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में पिछली बार अक्तूबर में ही विधानसभा के चुनाव हुए थे।
झारखंड पर भी टिकी हैं नजरें
इससे पहले मंगलवार को ही आयोग ने झारखंड का दो दिवसीय दौरा कर चुनावी तैयारियों का जायजा लिया था। झारखंड में पिछला चुनाव 30 नवंबर से 20 दिसंबर के संपन्न हुआ था। आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक तैयारियां चाक-चौबंद है और इस बार आयोग झारखंड में कम चरणों में चुनाव कर सकता है।
झारखंड की गठबंधन सरकार (47 विधायकों का समर्थन) में कितने दल शामिल हैं:
दल का नाम सीटों की संख्या
झामुमो 27
कांग्रेस 18
भाकपा माले 1
राजद 1
झारखंड विधानसभा में विपक्षी दलों का हाल:
दल का नाम सीटों की संख्या
भाजपा 24
आजसू 3
राकपा (अप) 1
निर्दलीय 2
झारखंड में भाजपा प्रमुख विपक्षी दल, कांग्रेस तीसरे नंबर पर
गौरतलब है कि झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 27 विधायकों वाला झारखंड मुक्ति मोर्चा (खटट) सबसे बड़ा दल है। 24 विधायकों के साथ भाजपा प्रमुख विपक्षी दल है। इसके अलावा 18 विधायकों वाली कांग्रेस संख्याबल के लिहाज से तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। 81 विधायकों वाली विधानसभा में चार सीटें खाली हैं।
देश की तीसरी सबसे बड़ी विधानसभा में सियासी समीकरण
महाराष्ट्र में इस बार सियासी मुकाबला बेहद दिलचस्प होने के आसार हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि लगभग 25 महीने पहले जून, 2022 में महाविकास अघाड़ी सरकार गिरी थी। इसके बाद भाजपा समर्थित सरकार बनी। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो-फाड़ होने के बाद राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार के पास 202 विधायकों का समर्थन है। 102 विधायकों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। अजीत पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ( के 40 विधायक हैं। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 18 विधायक हैं। 14 निर्दलीय विधायकों ने भी एनडीए सरकार को समर्थन दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार को पांच अन्य छोटे दलों का समर्थन भी हासिल है।
विपक्ष कितना मजबूत
इसके अलावा विपक्षी खेमे (महाविकास अघाड़ी) में कुल 71 विधायक हैं। विपक्ष में कांग्रेस 37 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के 16 विधायक हैं। वरिष्ठ राजनेता शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 12 विधायक हैं। समाजवादी पार्टी के दो, सीपीआईएम और पीडब्लूपीआई के एक-एक विधायक हैं। आॅल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के दो विधायक भी विपक्षी खेमे में हैं। 15 विधानसभा सीटें खाली हैं।
राजनीतिक चौसर पर तमाम जनप्रतिनिधियों की अग्निपरीक्षा
बता दें कि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बाद देश की तीसरी सबसे बड़ी विधानसभा महाराष्ट्र है। 2019 में हुए पिछले आम चुनावों के बाद महाराष्ट्र और झारखंड में भी मुख्यमंत्री बदलने की नौबत आई।ऐसे में अब दोनों राज्यों के राजनीतिक चौसर पर तमाम जनप्रतिनिधियों की अग्निपरीक्षा होगी।