TIO, लखनऊ।

भीषण गर्मी के प्रकोप से मौतों का सिलसिला नहीं थम रहा। शुक्रवार को भी लू लगने और गर्मी से उत्तरप्रदेश में 198 लोगों की मौत हो गई। इनमें शनिवार को होने वाले मतदान के लिए चुनाव ड्यूटी में तैनात 19 मतदानकर्मी और सुरक्षाकर्मी हैं। वहीं, बिहार में भी 10 मतदानकर्मियों की जान चली गई।

शुक्रवार को कानपुर व मथुरा 48.2 डिग्री के साथ सर्वाधिक गर्म रहा। प्रदेश के ज्यादातर शहरों में पारा 45 डिग्री से अधिक दर्ज हुआ। तेज धूप के साथ लू का भी प्रकोप रहा। 43 डिग्री के साथ तपते वाराणसी और आसपास में चुनाव ड्यूटी में लगे 18 लोगों की मौत हो गई। सब सातवें चरण का चुनाव कराने के लिए पोलिंग पार्टियों के साथ जाने की तैयारी कर रहे थे। अकेले मिजार्पुर में ही आठ होमगार्ड और एक सुरक्षाकर्मी की मौत हुई है। वाराणसी में चुनाव ड्यूटी में लगे तीन मतदानकर्मी की मौत हुई है। सोनभद्र में भी तीन मतदान कर्मी और एक सुरक्षा कर्मी की मौत हुई है। जिलाधिकारी चंद्रविजय सिंह ने बताया कि मौत के कारणों की अभी पुष्टि तो नहीं हुई है, लेकिन सारे लक्षण लू लगने से मौत के ही लग रहे हैं। चंदौली में दो होमगार्ड की मौत हुई है। इसके अलावा रायबरेली में स्ट्रांग रूम में तैनात भदोही निवासी दरोगा ने दम तोड़ दिया।

रातें भी गर्म
लखनऊ में पारा 45.8 डिग्री तक पहुंच गया। हरदोई, कानपुर, वाराणसी, चुर्क, प्रयागराज, झांसी, सुल्तानपुर, फुरसतगंज में रातें भी गर्म हैं। यहां न्यूनतम तापमान 30 डिग्री से 33.9 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, राज्य में कई इलाकों में बारिश के आसार हैं। धूल भरी आंधी चल सकती है।

यहां इतनी मौतें
बुंदेलखंड और कानपुर समेत आसपास के जिलों में भीषण गर्मी से शुक्रवार को 47 लोगों की मौत हो गई। इनमें हमीरपुर में 21, फतेहपुर में आठ, चित्रकूट में छह, कानपुर और महोबा में चार-चार, बांदा में तीन और फरुर्खाबाद में एक बच्चे की जान चली गई। घर वालों का कहना है कि यह सभी गर्मी के चलते उल्टी-दस्त और बुखार से पीड़ित थे। वाराणसी, आजमगढ़ और मिजार्पुर मंडल के नौ जिलों में 68 लोगों की मौत हो गई। प्रयागराज और आसपास के जिलों में 45 लोगों की भी गर्मी से जान चली गई। अवध में गर्मी से 20 लोगों की मौत हो गई। चिकित्सकों के अनुसार गर्मी से तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। इसमें रायबरेली व अयोध्या में चार-चार, बहराइच में तीन, श्रावस्ती में पांच, सीतापुर में एक, गोंडा में दो व बाराबंकी में एक शामिल है। झांसी में चार, मुरादाबाद में एक हेड कांस्टेबल, पीलीभीत में एक कपड़ा व्यवसायी और बदायूं व अलीगढ़ में एक-एक व्यक्ति की भी गर्मी से मौत हुई है। गोरखपुर-बस्ती मंडल में 10 लोगों की जान चली गई। इसमें गोरखपुर और बस्ती में तीन-तीन, देवरिया में दो और संतकबीरनगर में एक की मौत हुई है। मरने वालों में गाजीपुर निवासी एक कांस्टेबल और बागपत व एटा निवासी दो होमगार्ड के अलावा चुनाव ड्यूटी में आए दो निजी वाहन चालक भी शामिल हैं।

लू से बचाव का हर स्तर पर हो पुख्ता इंतजाम : योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि भीषण गर्मी-लू का प्रकोप बढ़ने की वजह से आमजन, पशुधन और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए हर स्तर पर पुख्ता प्रबंध किए जाएं। राहत आयुक्त कार्यालय मौसम पूवार्नुमान का दैनिक बुलेटिन जारी करे। गांव हो या शहर, कहीं भी अनावश्यक बिजली कटौती नहीं हो। अतिरिक्त बिजली खरीदने की व्यवस्था करें। ट्रांसफार्मर जलने, तार गिरने, ट्रिपिंग जैसी समस्याओं का बिना विलंब निस्तारण हो। अधिकारी फोन उठाएं, कहीं भी विवाद की स्थिति न बनने पाए। वरिष्ठ अधिकारी तत्काल स्वयं मौके पर पहुंचें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी नगर निकायों, ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ रखवाए जाएं। बाजारों, मुख्य मार्गों पर जगह-जगह पेयजल की व्यवस्था हो। इस कार्य में सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाना चाहिए। सड़कों पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव कराया जाए। पानी की कमी से अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए। अयोध्या, काशी, मथुरा आदि सभी धार्मिक स्थलों पर स्वच्छता का विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। बड़ा मंगल के दृष्टिगत लखनऊ में साफ-सफाई, ट्रैफिक व अन्य व्यवस्थाओं का सुचारू रूप से होना सुनिश्चित कराएं। पशुधन और वन्य जीवों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाना आवश्यक है। सभी प्राणि उद्यानों, अभयारण्यों में हीट-वेव एक्शन प्लान का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। पशुपालकों को लू की स्थिति में सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम हों। गोशालाओं में पशुधन की हरे चारे-चोकर और पानी की उचित व्यवस्था हो। बरसात पूर्व पशुओं के वैक्सीनेशन की प्रक्रिया जारी रखें।

तत्काल इलाज का हो इंतजाम
योगी ने कहा कि अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों में लू से प्रभावित लोगों का तत्काल इलाज किया जाए। शहरों में पेयजल की आपूर्ति निर्धारित रोस्टर के अनुरूप की जाए। हैंडपंप क्रियाशील रखें, ग्रामीण पाइप पेयजल योजनाओं का सुचारू संचालन किया जाए। गोवंश, श्वान आदि के लिए सार्वजनिक स्थानों पर पानी एवं छाया की व्यवस्था की जानी चाहिए। पक्षियों के लिए छोटे बर्तनों में पानी एवं दाना रखने के लिए आमजन को जागरूक करें।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER