अयोध्या। दिन दुख के बीत गए, आ सबके मीत गए, हार गए बैरी रघुवंशी जीत गए…। युग रामराज का आ गया, शुभ दिन ये आज का आ गया। हुई जीत सनातम धर्म की, घर-घर भगवा लहरा गया…। चरण की धूल ले लूं मैं, मेरे भगवान आए हैं, बजाओ ढोल स्वागत में, मेरे घर राम आए हैं…

आधी रात के बाद कंपकंपाती ठंड में अयोध्या की गलियों में ये सुरीली ध्वनियां लगातार गूंज रही हैं। सुबह के करीब चार बजे हैं और लगातार तीसरी रात है अयोध्या जग रही है। रायगंज पुलिस चौकी होते हुए रामपथ की ओर बढ़ने पर दिखा कि जिस ओर से भी गली आ रही है, छिटपुट-छिटपुट साधु-संत, युवा-वृद्ध, स्त्री-पुरुष तेजी से राम मंदिर की ओर बढ़ रहे हैं। आमतौर पर अयोध्या में सुबह में भक्तों की दिशा सरयू की ओर होती है। वहां से लौटने पर हनुमानगढ़ी में बजरंगबली के दर्शन की ओर बढ़ते हैं। इसके बाद रामलला के दरबार का नंबर आता रहा है, लेकिन अपने बालक राम की प्राण प्रतिष्ठा की भक्ति में डूबे भक्तों ने सुबह होने का इंतजार नहीं किया। लोगों ने सरयू की जगह घरों और मंदिरों में ही स्नान कर लिया। कुछ बजरंगबली के दर्शन के लिए जा रहे हैं तो कुछ में प्रभु के दर्शन के लिए जल्द श्रीरामजन्मभूमि पथ पहुंचकर लाइन में लगने की बेताबी नजर आ रही है। घड़ी की सुइयों ने सवा चार बजाया है। सड़कों पर भीड़ बढ़ने लगी है। पांच बजते-बजते रामपथ पर श्रद्धालुओं-भक्तों का ज्वार नजर आने लगता है।

सड़क पर खड़े होने की जगह नहीं
जे जैसइ तैसइ उठि धावहिं …की तरह। जय श्रीराम-जय सियाराम की गूंज और रामधुन की आवाज बढ़ने लगती है। भीड़ बढ़ती जा रही है। सात बजते-बजते सड़क पर खड़े होने की जगह नहीं नजर आने लगी। एक अनुमान के अनुसार सुबह सात बजे तक एक लाख से ज्यादा लोगों ने दर्शन कर लिए थे। भीड़ का दबाव बढ़ा तो राम मंदिर की ओर बढ़ने वालों की जगह-जगह टोकाटाकी शुरू हो गई। कुछ ही देर में हनुमानगढ़ी पर भक्तों की लाइन बढ़ गई। देखते-देखते रामपथ से हनुमानगढ़ी तक हनुमानजी के दर्शन करने वालों की लंबी लाइन लग गई।

लखनऊ तक घनघनाने लगे फोन
हजारों की संख्या में पहुंचे रामभक्तों से जन्मभूमि पथ पर श्रद्धालुओं का दबाव बढ़ता ही गया। प्रशासन के हाथपांव फूलते नजर आए। लगने लगा कि प्रशासन प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामभक्तों की उपस्थिति या आगमन का अंदाजा ठीक से नहीं लगा पाया है। अयोध्या से लखनऊ तक फोन घनघनाने लगे। लोग सड़क से ही लौटाए जाने शुरू कर दिए गए। रामपथ पर जमी भीड़ को करीब 10 बजे से अपने-अपने स्थान पर वापस जाने और दो बजे के बाद दर्शन के लिए आने की अपील की जाने लगी। जिन्होंने अपील अनसुनी करने की कोशिश की..उन्हें पुलिस व आरएएफ के जवान सख्त लहजे में समझाते नजर आए।

जगह-जगह रूट डायवर्ट
अपने राम के पहले दर्शन के लिए पिछले कई दिनों से न जाने कहां-कहां, घर-बार छोड़, तमाम तरह की मुश्किलों और चुनौतियों का सामना कर लोग अयोध्या पहुंचे थे। न जाने क्या-क्या सपना और संकल्प लेकर आए थे। कई तो अपने प्रभु के दर्शन न कर पाने से निराश-हताश होकर लौट गए।

प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होने के बाद आराम की मुद्रा में नजर आने वाले प्रशासनिक अमले में प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार और सीएम योगी आदित्यनाथ के पहुंचने के संदेश के बाद फिर सक्रियता बढ़ी। जगह-जगह फिर रूट डायवर्ट किए गए। जो लोग अयोध्या में थे, उन्हें दर्शन कराकर वापस भेजने की व्यवस्था शुरू हुई। देर शाम तक करीब चार लाख लोगों ने दर्शन कर लिए थे। कुछ ऐसे ही थी रामजी के प्राण प्रतिष्ठा के दूसरे दिन की अयोध्या जी…।

मणिपुर से आए, शहर से बाहर ठहरे, अब भी इंतजार
साजन पौडियाल, राकेश पौडियाल और राज अधिकारी अयोध्या आने के लिए 19 जनवरी को मणिपुर से निकले थे। 21 को फैजाबाद के बॉर्डर पर पहुंचे तो उन्हें अयोध्या में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली। बताते हैं कि करीब 15 किमी दूर एक गांव में ये 22 तक रुके रहे। मंगलवार को प्राण प्रतिष्ठा खत्म होने के बाद इन्हें दर्शन की छूट की जानकारी मिली तो भोर में ही चल पड़े। सुबह करीब 8 बजे अयोध्या पहुंच गए थे। दर्शन की लाइन में न लग पाने से निराश राकेश बताते हैं कि इसके बावजूद वह बहुत खुश हैं। वह कहते हैं, हमारा मणिपुर महीनों से अशांत है। हम अपने रामजी से प्रार्थना करने आए थे कि वहां के हालात सुधर जाएं। वह कहते हैं, 2 बजे के बाद फिर दर्शन की कोशिश करेंगे।

सुबह से ही डट गए, पांच घंटे बाद लौटना पड़ा
पांच संतों का एक जत्था बिड़ला मंदिर के पास दर्शन के लिए सुबह छह बजे ही पहुंच गया था। इनमें बिहार से संत बिजली दास, ओडिशा जगन्नाथ पुरी से मुकुंद बाबा, मध्य प्रदेश सतना से बाबा शोभादास, उत्तराखंड के हरिद्वार से संत हरिओम और राजस्थान के धौलपुर से बाबा सुंदर गिरि शामिल हैं। ये बताते हैं कि वे अपने प्रभु बालक राम के दर्शन के लिए 19 को ही अयोध्या पहुंच गए थे। बड़ी छावनी में रुके थे। आज पांच घंटे के इंतजार के बावजूद दर्शन नहीं हो पाया है। दर्शन करके ही जाने की इच्छा है। देखते हैं कि प्रभु कब दर्शन देते हैं।

मुंह ढकने से कुछ नहीं होगा, रामलला ने पहचान लिया
अयोध्या। फिल्मी सितारों को कई बार विचित्र परिस्थिति का सामना करना पड़ता है। ताजा वाकया रंगमंच और हिंदी फिल्मों के दिग्गज कलाकार अनुपम खेर से जुड़ा है। दरअसल वह बचते बचाते भीड़ के बीच अयोध्या में रामलला के दर्शन करने पहुंचे थे, लेकिन एक प्रशंसक ने उन्हें पहचान ही लिया और तब अभिनेता झेंप गए। अनुपम खेर ने खुद इसका वर्णन सोशल मीडिया पर किया है।

अभिनेता ने वीडियो साझा करते हुए लिखा, कल (सोमवार) मैं आमंत्रित अतिथि बनकर राम मंदिर गया था। पर, मंगलवार को सबके साथ चुपचाप मंदिर जाने का मन किया। भक्ति का ऐसा समंदर दिखा कि हृदय गदगद हो उठा। लोगों में रामजी के प्रति भक्तिभाव देखते ही बन रहा था। जब मैं दर्शन के बाद निकलने लगा तो एक भक्त कान में हल्के से आकर बोला, भैया जी मुंह ढकने से कुछ नहीं होगा। राम लल्ला ने आपको पहचान लिया।

बोल सियापति रामचंद्र की जय
महानायक अमिताभ बच्चन ने रामलला के दर्शन के बाद यह फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। लिखा-बोल सियापति रामचंद्र की जय। इसके साथ ही उन्होंने इसके आगे भगवाध्वज भी लगाया। अमिताभ उन महानुभावों में शामिल थे, जिन्हें रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया गया था।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER