TIO, नई दिल्ली

एमसीडी में आम आदमी पार्टी की स्थिति लगातार कमजोर होने के कारण सत्ता में बने रहना आसान नहीं है। एक साल के भीतर विधानसभा चुनाव में हार और बड़ी संख्या में पार्षदों के दल बदलने के कारण वह बहुमत खो चुकी है। इस कारण अब उसके हाथ से एमसीडी की सत्ता जाने की आशंका गहराने लगी है।

अप्रैल में होने वाले महापौर और उपमहापौर चुनाव में उसकी हार हो सकती है, जबकि भाजपा जीत के करीब पहुंच चुकी है। वर्ष 2022 के एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 250 वार्डों में से 134 पर जीत हासिल कर बहुमत पाया था, लेकिन बीते एक साल में कई घटनाक्रम हुए, जिनके चलते आप के सदस्यों की संख्या कम हो गई है। विधानसभा चुनाव में आप को करारी हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा 23 पार्षदों ने विभिन्न कारणों से पार्टी छोड़ दी। इनमें से 22 पार्षद भाजपा और एक पार्षद कांग्रेस में शामिल हो गए। हालांकि भाजपा व कांग्रेस के दोे-दो पार्षदों और एक निर्दलीय पार्षद ने आप की सदस्यता ग्रहण की है।

वर्तमान में एमसीडी में भाजपा के एक पार्षद के सांसद और भाजपा के आठ व आप के तीन पार्षदों के विधायक बनने से 12 वार्ड रिक्त है। वर्ष 2024 की शुरूआत में एमसीडी में आप के पास 135 पार्षद थे, जबकि भाजपा के पास 106 और कांग्रेस के पास नौ पार्षद थे। विधानसभा चुनाव के बाद यह संख्या बदल गई। अब आप के पार्षद घटकर 113 रह गए हैं, जबकि भाजपा के पार्षदों की संख्या 117 हो गई है। कांग्रेस के पार्षद भी नौ से घटकर आठ रह गए हैं।

महापौर और उपमहापौर चुनाव में सिर्फ पार्षद ही नहीं बल्कि विधायक और सांसद भी मतदान करते हैं। वर्ष 2024 में जहां आम आदमी पार्टी के 13 विधायक और भाजपा के सिर्फ एक विधायक वोट डालने का हक रखते थे, वहीं वर्ष 2025 में यह समीकरण पूरी तरह बदल गया है। अब भाजपा के विधायकों की संख्या 11 हो गई हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के विधायकों की संख्या घटकर तीन रह गई है। सांसदों के मामले में भाजपा के पक्ष में स्थिति पहले से ही मजबूत है।

दिल्ली से भाजपा के सातों लोकसभा सांसद और आप के तीन राज्यसभा सांसद इस चुनाव में मतदान करेंगे। हालांकि आप की सांसद स्वाति मालीवाल नाराज चल रही हैं। इस कारण उनके मतदान में हिस्सा लेने की संभावना नहीं है। वह गत वर्ष भी मतदान करने नहीं आई थी।

भाजपा की बढ़त, आप की चुनौतियां
एमसीडी में बदलते समीकरणों को देखते हुए भाजपा अब महापौर और उपमहापौर चुनाव में बढ़त हासिल करती दिख रही है। यदि भाजपा यह चुनाव जीत जाएगी तो एमसीडी की सत्ता उसके हाथ में आ जाएगी। वहीं आप के सामने अब कई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। अप्रैल में महापौर और उपमहापौर का चुनाव होना है। इसमें विधानसभा अध्यक्ष की ओर से मनोनीत 14 विधायक भी मत डालते हैं।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER