TIO, नई दिल्ली

पाक अधिकृत कश्मीर (पीआके) में भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई की आशंका के बीच हडकंप मचा हुआ है। पीओके के प्रधानमंत्री चौधरी अनवर-उल-हक ने गुरुवार को संकेत दिए कि यदि हालात बिगड़े तो क्षेत्र में आपातकाल लागू किया जा सकता है। सुरक्षा स्थिति को देखते हुए नीलम घाटी और नियंत्रण रेखा (एलओसी) के निकटवर्ती संवेदनशील इलाकों में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। वहीं, धार्मिक मदरसों को 10 दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया गया है।

पीओके सरकार ने दावा किया है कि भारत की आक्रामकता की स्थिति में भोजन, दवाओं और अन्य जरूरी चीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। आपातकालीन फंड में एक अरब रुपये ट्रांसफर कर दिए गए हैं। साथ ही, होटल, गेस्टहाउस और शादी हॉल के मालिकों ने अपनी संपत्तियां सेना को देने की पेशकश की है।

मदरसे किए गए बंद
गुरुवार को अधिकारियों ने नीलम घाटी और एलओसी के पास अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी। कई पर्यटकों को मार्बल चेकपोस्ट से वापस भेज दिया गया। लीपा घाटी में निवासियों को एलओसी के पास जाने से मना किया गया है और सुरक्षा एजेंसियों के साथ सहयोग करने को कहा गया है।

सरकार ने खुफिया जानकारी के आधार पर धार्मिक मदरसों को 10 दिनों के लिए बंद करने का फैसला किया, क्योंकि आशंका है कि भारत इन संस्थानों को आतंकी प्रशिक्षण केंद्र बताकर निशाना बना सकता है। कानून मंत्री मियां अब्दुल वाहिद ने कहा, “हम एक ऐसे चालाक, क्रूर और षड्यंत्रकारी दुश्मन से निपट रहे हैं, जिसके किसी भी नीच हरकत से इंकार नहीं किया जा सकता।”

हवाई सेवाओं पर भी प्रतिबंध
कराची और लाहौर के हवाई क्षेत्र में पूरे मई माह के दौरान हर दिन 8 घंटे (सुबह 8 से शाम 4 बजे तक) उड़ानें बंद रखने की घोषणा की गई है। इसी के साथ गिलगित-बाल्टिस्तान में भी उड़ानों पर असर पड़ रहा है। हालांकि, गिलगित-बाल्टिस्तान में हवाई क्षेत्र पहले से ही बंद है, जिसके कारण इस्लामाबाद से गिलगित-स्कर्दू की उड़ानें लगातार दूसरे दिन रद्द रहीं। इसके अलावा, खराब मौसम के कारण इस्लामाबाद में पांच अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानें विलंबित या अन्य शहरों में डायवर्ट की गईं।

पीओके पीएम अनवर-उल-हक ने विधानसभा में कहा कि हम हर स्थिति से निपटने को तैयार हैं उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सेना द्वारा गोलीबारी की जा रही है जिससे नुकसान हुआ है। वहीं, एक आपात बैठक में होटल संघों ने सेना के साथ एकजुटता व्यक्त की और जरूरत पड़ने पर अपने प्रतिष्ठानों को सौंपने की बात कही।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER