TIO, नई दिल्ली।

केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस सड़कों पर उतर आई है। 18 घंटे से पार्टी नेता धरना दे रहे हैं। टीएमसी ने 24 घंटे के धरने का ऐलान किया है। मंगलवार सुबह फिर टीएमसी नेता दिल्ली के मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए हैं और अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने सोमवार को टीएमसी नेताओं को हिरासत में ले लिया था और थाने लेकर गए थे। हालांकि, टीएमसी नेता वहां भी धरने पर बैठ गए। पार्टी नेताओं ने पूरी रात थाने में गुजारी। सुबह फिर से मोर्चा खोल दिया।

टीएमसी की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने मंगलवार सुबह एक्स पर पोस्ट किया और लिखा, टीएमसी का 24 घंटे से धरना जारी है। हम कल (सोमवार) शाम 5 बजे जब चुनाव आयोग के दफ्तर के सामने से निकले तो दिल्ली पुलिस ने धक्का देकर और दुर्व्यवहार करते हुए उठा लिया। पुलिस हम लोगों को बस से एक अज्ञात जगह ले गई। अंत में मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन लाया गया। वहां हमने रात बिताई। आम चुनाव 2024 में विपक्ष के खिलाफ मोदी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों एनआईए, सीबीआई, आईटी और ईडी का खुलेआम दुरुपयोग किया जा रहा है। इसके खिलाफ आज सुबह से फिर हमारा धरना जारी है।

चुनाव आयुक्त से मिलने गया था प्रतिनिधिमंडल
धरना देने वाले टीएमसी नेताओं में डेरेक ओ’ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, साकेत गोखले, सागरिका घोष, विधायक विवेक गुप्ता, पूर्व सांसद अर्पिता घोष, शांतनु सेन और अबीर रंजन विश्वास और पार्टी के पश्चिम बंगाल छात्र विंग के उपाध्यक्ष सुदीप शामिल हैं। ळटउ के 10 नेताओं का यह डेलिगेशन चुनाव आयुक्त से मिलने गया था। जिसके बाद चुनाव आयोग दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गया।

‘थाने से नहीं हटे टीएमसी नेता’
एक दिन पहले सोमवार को टीएमसी नेताओं को दिल्ली पुलिस ने उस समय हिरासत में ले लिया था, जब वे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और आयकर विभाग के प्रमुखों को बदलने की मांग को लेकर एउक दफ्तर के बाहर धरना दे रहे थे। इन सभी को मंदिर मार्ग थाने ले जाया गया। ये सभी नेता अभी भी थाने में ही मौजूद हैं। टीएमसी नेताओं ने दावा किया है कि उनका धरना प्रदर्शन अभी भी जारी है। जानकारी के मुताबिक बीती रात पुलिस ने सभी नेताओं को थाने से जाने के लिए बोल दिया था, लेकिन वे नहीं गए।

दिल्ली पुलिस ने क्या कहा?
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इन नेताओं को इसलिए हिरासत में लिया गया, क्योंकि इलाके में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू है। यहां बड़ी सभाओं पर रोक है और विरोध प्रदर्शन के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। टीएमसी नेताओं को कहना था कि उन्हें एक बस में बिठाया गया, जो करीब डेढ़ घंटे तक चलती रही, जिसके बाद उन्हें मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सभी टीएमसी नेताओं को रिहा कर दिया गया है। सभी महिला प्रदर्शनकारियों को सूर्यास्त से पहले जाने की इजाजत दे दी गई थी। पुरुष प्रदर्शनकारियों को रात 9 बजे रिहा कर दिया गया है। हालांकि, टीएमसी नेताओं ने कहा कि वे पुलिस स्टेशन पर अपना विरोध जारी रखेंगे। टीएमसी नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा, हमारा 24 घंटे का धरना पुलिस स्टेशन के अंदर या बाहर जारी रहेगा। हम इसे जारी रखेंगे।

‘बीजेपी ने पूरे देश को जेल में बदल दिया’
दूसरी ओर कोलकाता में अभिषेक बनर्जी की अगुवाई में टीएमसी का प्रतिनिधिमंडल इसी मसले पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मिला। टीएमसी ने दिल्ली में पार्टी नेताओं को हिरासत में लिए जाने की शिकायत की। अभिषेक बनर्जी का कहना था कि यह लोकतंत्र की हत्या है। वहीं, टीएमसी प्रमुख और पश्चि बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर जबरदस्त प्रहार किया है। सोमवार का बांकुरा में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने लोकतंत्र को जेल बना दिया है। मुख्यमंत्री ने ठकअ, सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग के एक्शन पर भी सवाल उठाए हैं। ममता का कहना था कि पूरे देश को जेल में बदल दिया है। मोदी की गारंटी को लेकर ममता ने कहा, ‘मोदी की गारंटी’ का मतलब 4 जून के बाद सभी विपक्ष के नेता को जेल में डालना है। ममता ने टीएमसी नेताओं की पत्नियों को सलाह दी और कहा, अगर उनके पति को चुनाव से पहले गिरफ्तार किया जाता है, वो सड़क पर उतरें।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER