TIO, सना।

अदन की खाड़ी में बुधवार को एक व्यापारिक जहाज पर हूतियों के मिसाइल हमले में तीन नाविकों की मौत हो गई। वहीं इस हमले में चार अन्य घायल भी हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट में ब्रिटेन और अमेरिका के अधिकारियों के हवाले यह जानकारी दी गई है। गाजा पर इस्राइल के आक्रमण के बाद से यह पहली बार है जब दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री मार्गों में से एक पर व्यापारिक जहाज पर हमले में कोई हताहत हुए हैं। हूती विद्रोहियों ने हमले की जिम्मेदारी ली है।

लाइबेरिया के जहाज पर हुआ हमला
अमेरिकी सेना की केंद्रीय कमान (सेंटकॉम) ने ‘एक्स’ पर लिखा, हूती आतंकवादियों की ओर से बुधवार को करीब साढ़े 11 बजे (स्थानीय समय) एक एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल (एएसबीएम) बारबाडोस के झंडे और लाइबेरिया के स्वामित्व वाले जहाज की ओर दागी गई। मिसाइल जहाज पर गिरी। इससे बहुराष्ट्रीय चालक दल के तीन लोगों की मौत हुई। कम से चार लोगों के घायल होने की खबर है। जिसमें तीन की स्थिति गंभीर है। जहाज को क्षति पहुंची है। सेंटकॉम ने कहा, चालक दल ने जहाज को छोड़ दिया और सहयोगी युद्धपोत (हूती विद्रोहियों को) जवाब दे रहे हैं व स्थिति का आकलन कर रहे हैं। पिछले दो दिन में हूतियों के द्वारा दागी गई यह दूसरी एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल है।

ब्रिटेन ने कहा- हमें हूती विद्रोहियों को रोकना होगा
इस बीच, ब्रिटेन के दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, तीन निर्दोष नाविकों की मौत हो गई है। यह हूतियों की ओर से दागई गई मिसाइलों का परिणाम है। उन्हें रोकना होगा। ब्रिटेन ने कहा, मृतकों और घायलों के परिजनों के लिए हमारी गहरी संवेदना है। हूतियों के हमले से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। ईरान समर्थित संगठन पिछले साल नवंबर से वाणिज्यिक और सैन्य नौवहन को निशाना बना रहा है। हूतियों ने शुरू में कहा था कि वे गाजा में फलस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए सिर्फ इस्राइल से जुड़े जहाजों को निशाना बनाएंगे। लेकिन बाद में उसने अपने लक्ष्यों में ब्रिटेन और अमेरिका के जहाजों को भी शामिल कर लिया। बीते दिनों अमेरिका ने ब्रिटेन के साथ मिलकर यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। हालांकि इसके बावजूद हूती विद्रोही अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाने से बाज नहीं आ रहे हैं। अब हूती विद्रोहियों के हमले में नाविकों की मौत से क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका बढ़ गई है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER