TIO, दिल्ली

दिल्ली में एक बार फिर स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। शुक्रवार को ई-मेल के जरिए छह निजी स्कूलों को धमकी दी गई। दिल्ली फायर सर्विस के अधिकारी और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की। टीम को कहीं भी कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। दिल्ली के अलग-अलग स्कूलों को पहले भी इस तरह से धमकी भरे ई-मेल भेजे गए थे। जांच-पड़ताल में मेल में दी गईं सूचनाएं झूठी निकली थीं।

अभी तक छह निजी स्कूलों में बम की धमकी मिली है। बमों की धमकी साउथ दिल्ली पब्लिक स्कूल डिफेंस कॉलोनी, दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूल सफदरजंग, वेंकटेश्वर ग्लोबल स्कूल रोहिणी, भटनागर इंटरनेशनल स्कूल, कैम्ब्रिज स्कूल और डीपीएस अमर कॉलोनी स्कूल को मिली है। डीपीएस स्कूल में सभी अभिभावकों को छुट्टी का मैसेज किया गया है। इस बार भी बम की धमकी ईमेल से दी गई है।

बताया जा रहा है कि देर रात 12.54 बजे ईमेल भेजी गई है। दमकल विभाग ने ईमेल से धमकी मिलने की पुष्टि की है। दमकल विभाग के मुताबिक सुबह 4.21 बजे भटनागर इंटरनेशनल स्कूल, 6.21 बजे कैम्ब्रिज स्कूल, 6.35 बजे डीपीएस अमर कॉलोनी स्कूल से सूचना मिली है। सूचना मिलते ही सभी स्कूलों में दमकल की गाड़ियां भेजी गई है। अधिकारियों ने कहा कि स्कूलों से अभी भी कई कॉल मिल रहे हैं। सभी स्कूल में पुलिस और दमकल की गाड़ियां के साथ साथ बम निरोधक दस्ता पहुंच कर जांच पड़ताल में जुट गई है।

ई-मेल में पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग का भी जिक्र
इस बार भेजे गए ई-मेल में पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग का भी जिक्र किया गया है, जिसके बाद दिल्ली पुलिस इस एंगल पर भी जांच कर रही है कि किसी ने जान बूझकर ये लिखकर ई-मेल करके शरारत तो नहीं की है।

बीते 29 नवंबर को भी स्कूल को उड़ाने की दी गई धमकी
इससे पहले बीते 29 नवंबर को दिल्ली के रोहिणी में एक स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। सुबह 10.57 बजे स्कूल में बम रखने की खबर फैलाई गई थी। जिसके बाद स्कूल की तलाशी ली गई थी। पुलिस को जांच के दौरान कुछ भी नहीं मिला था। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद खबर को झूठा करार दिया था।

अरविंद केजरीवाल बोले- बच्चों पर कितना बुरा असर पड़ेगा?
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस हफ्ते में दूसरी बार दिल्ली के स्कूलों को बम की धमकी मिली है, जो बेहद गंभीर और चिंताजनक है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो बच्चों पर कितना बुरा असर पड़ेगा? उनकी पढ़ाई का क्या होगा?

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER