TIO, जम्मू और कश्मीर।
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बड़ा आयोजन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस होगा। इस बार सरकार ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र बिंदु बनाया है, ताकि कश्मीर में शांति का संदेश पड़ोसी मुल्कों तक भी पहुंच सके। पहली बार कश्मीर घाटी में लोगों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योगासन करेंगे। 21 जून को श्रीनगर में होने वाले इस कार्यक्रम में सात हजार से ज्यादा लोगों ने पंजीयन कराया है। बताया जा रहा है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद घाटी में आए बदलावों की तस्वीर यह आयोजन बनेगा, जिसमें युवाओं से लेकर बुजुर्ग और महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।
2014 से हुई शुरूआत, इस बार 10वां आयोजन
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, आयुष और स्वास्थ्य के अलावा राज्य प्रशासनिक अधिकारियों की टीमें भी तैनात की हैं। जम्मू-कश्मीर के आयुष विभाग के निदेशक डॉ. मोहन सिंह का कहना है कि समारोह में योग का कॉमन प्रोटोकॉल लागू होगा, जिसे करीब 7,500 लोग एक साथ करेंगे।
दरअसल, साल 2014 में मोदी सरकार ने यूएन जनरल असेंबली में पहली बार योग को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में पहचान दिलाने का प्रस्ताव पास कराया। इस साल यह 10वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है, जिसके लिए देशभर में अब तक एक करोड़ लोग से ज्यादा योग दिवस का हिस्सा बनने के लिए पंजीयन करा चुके हैं। दावा है कि एक दिन में दुनिया के 30 करोड़ से ज्यादा लोग एक साथ योग करेंगे। हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा मंगलवार दोपहर 12 बजे दिल्ली में केंद्रीय आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव करेंगे।