TIO, नई दिल्ली।

उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों समेत देश के मध्य और पूर्वी हिस्से में प्रचंड गर्मी से त्राहिमाम मचा है। नौतपा में देश का आधा हिस्सा तप रहा है। राजस्थान के फलौदी में पारा 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। प्रदेश के अन्य स्थानों और दूसरे राज्यों के अधिकतर क्षेत्रों में पारा 45 से 48 डिग्री के बीच बना हुआ है। इसको देखते हुए राजस्थान में रेड अलर्ट जारी किया गया है। अभी अगले पांच दिन आसमानी आग से कोई राहत भी नहीं मिलने वाली है। राजस्थान में भीषण जल संकट के कारण कई शहरों में एक दिन छोड़कर जलापूर्ति शुरू की गई है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को बताया कि राजस्थान, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी मध्य प्रदेश, विदर्भ और गुजरात के कुछ क्षेत्रों में लू चल रही है। इन राज्यों में रात के समय भी अत्यधिक गर्मी पड़ रही है। जम्मू-कश्मीर के जम्मू संभाग और हिमाचल प्रदेश के मैदानी इलाकों में भी पारा 40 के ऊपर बना हुआ है और लू चल रही है। राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा ने प्रशासन को गर्मी से बचाव के लिए हर संभव उपाय करने का निर्देश दिया है। महाराष्ट्र के अकोला में जिला प्रशासन ने 31 मई तक धारा 144 लगा दी है और किसी भी तरह की जनसभा करने पर रोक लगा दी गई है। अकोला में शुक्रवार और शनिवार को अधिकतम तापमान 45 डिग्री और उससे ऊपर रहा। वहीं, भोपाल में ट्रैफिक सिग्नल का समय आधा कर दिया गया है।

पहाड़ों पर भी पसीने छूटे
पहाड़ों पर भी पसीने छूट रहे हैं। कश्मीर के काजीगुंड में रविवार को 43, कोकरनाग में 22 और जम्मू संभाग के भद्रवाह में 23 साल बाद मई में दूसरा सबसे उच्चतम तापमान दर्ज किया गया है। प्रदेश के सभी पहाड़ों पर भी दिन का पारा सामान्य से 4 से 9 डिग्री ऊपर चल रहा है। जम्मू में अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 28 मई तक गर्मी से राहत नहीं मिलेगी।

29 तक जारी रहेगी भीषण गर्मी
आईएमडी के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान के अधिकतर क्षेत्रों में 29 मई तक प्रचंड गर्मी जारी रहेगी। इस दौरान यूपी, मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों में भी भीषण गर्मी महसूस की जाएगी।

पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय समेत पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों में भीषण गर्मी से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवात रेमल के तट से टकराने के बाद इन इलाकों में बारिश हो सकती है और तेज हवाएं चल सकती हैं।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER