TIO, नई दिल्ली।

दिल्ली में बेबी केयर यूनिट में आग लगने की घटना में बड़ी लापरवाही सामने आई है। सुरक्षा से लेकर व्यवस्थाओं तक पर सवाल उठ रहे हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक बेबी केयर सेंटर में आग बुझाने के इंतजाम ही नहीं थे। अंदर आने और बाहर जाने का भी सही इंतजाम नहीं था। इतना ही नहीं, कोई इमरजेंसी एग्जिट नहीं था। घटना के वक्त बेबी केयर यूनिट में इअटर डॉक्टर्स की ड्यूटी लगी थी, जो बच्चों की केयर करने के लिए क्वालिफाइड नहीं थे। दिल्ली सरकार ने बेबी केयर सेंटर को जो लाइसेंस जारी किया था, वो 31 मार्च 2024 को एक्सपायर हो गया था। लाइसेंस एक्सपायर होने के बाद सिर्फ 5 बेड की अनुमति थी, लेकिन घटना के वक्त 12 बच्चे एडमिट थे।

शॉर्ट सर्किट से लगी आग
जांच में सामने आया कि बेबी केयर न्यू बॉर्न चाइल्ड हॉस्पिटल की चार ब्रांच हैं, जिसमें दिल्ली में विवेक विहार, पंजाबी बाग और फरीदाबाद, गुरुग्राम का नाम शामिल है। बेबी केयर सेंटर के मालिक नवीन खिंची ने ढी्िरं३१्रू टी्िरू्रल्ली में एमडी किया है और पश्चिम विहार में रहता है। उसकी पत्नी जागृति डेंटिस्ट हैं। दोनों इस अस्पताल को संचालित करते हैं। अब तक की जांच में पता चला है कि आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट है। पुलिस ने डॉक्टर आकाश और डॉक्टर नवीन को अरेस्ट किया है। आकाश ने बीएएमएस किया है। एफआईआर में आईपीसी 304 और 308 की धारा जोड़ दी गई है।

31 मार्च को नर्सिंग होम की परमिशन खत्म हो गई थी
दिल्ली पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि 31 मार्च को नर्सिंग होम की परमिशन खत्म हो गई थी। दिल्ली सरकार का हेल्थ डिपार्टमेंट ये परमिशन देता है। यानी अवैध तरीके से नर्सिंग होम चलाया जा रहा था। नर्सिंग होम को 5 बेड की परमिशन थी लेकिन 25-30 बच्चे रखे जा रहे थे। हादसे के वक्त 12 बच्चों को रेस्क्यू किया गया। 5 बेड के हिसाब से ही आॅक्सीजन सिलेंडर होने चाहिए थे लेकिन हादसे के बाद नर्सिंग होम में 32 आॅक्सीजन सिलेंडर पाए गए। नर्सिंग होम को फायर की एनओसी भी नहीं थी।

इस पूरे घटनाक्रम पर दिल्ली पुलिस ने क्या कहा है
आग लगने की घटना शाहदरा जिले के विवेक विहार थाना क्षेत्र में हुई। 25 मई को रात करीब 11।29 बजे अस्पताल में आग लगने की सूचना मिली। पुलिस और फायर ब्रिगेड कर्मचारी मौके पर बेबी केयर न्यू बोर्न हॉस्पिटल (सी-54, विवेक विहार, फेज -1, दिल्ली) पहुंचे, यहां दो मंजिला इमारत में आग लगी देखी गई। फायर ब्रिगेड कर्मचारियों की मदद से 12 बच्चों को नर्सिंग हाउस से बचाया गया। आग बुझाने के बाद अस्पताल का निरीक्षण किया गया तो वहां फटे हुए आॅक्सीजन सिलेंडर मिले। बचाए गए बच्चों को दूसरे अस्पताल (पूर्वी दिल्ली एडवांस एनआईसीयू, विवेक विहार) में शिफ्ट किया गया। बाद में 7 मृत बच्चों को जीटीबी अस्पताल के शवगृह में भेजा गया। उसके बाद आईपीसी की धारा 336/304ए/34 के तहत मामला दर्ज किया गया और आरोपी की तलाश की गई। पुलिस स्टाफ, फायर ब्रिगेड स्टाफ और क्राइम टीम ने भी अस्पताल का बारीकी से निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि वहां कोई अग्निशमन यंत्र नहीं था। इमरजेंसी एग्जिट नहीं था। बीएएमएस डॉक्टर की तैनाती मिली। एंट्री गेट भी प्रॉपर नहीं था। लापरवाही पाए जाने के बाद धारा 304/308 भी जोड़ी गई।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER