TIO, श्रीनगर
मिनी स्विटजरलैंड कहलाने वाली बायसरन घाटी मंगलवार सुबह से दोपहर होने तक पर्यटकों की खिलखिलाहटों से गुलजार थी। अचानक से खिलखिलाहट चीत्कार में बदल गई। कायर आतंकी आए और अंधाधुंध गोलियां बरसाकर चले गए। पीछे रह गए गम और दर्द के निशां। भय से कुछ वक्त खामोश हुई बायसरन घाटी अचानक से चारों तरफ से आ रही रोने की आवाज और बचा लेने की गुहार लगाती चीखों से गूंजने लगी। जिसे जहां और जिस तरह राह दिखी भागने लगा। किसी के चेहरे पर खून के छीटें थे, किसी की गर्दन से खून रिस रहा था, किसी के हाथ खून से सने थे।
‘मेरे पति को बचा लो’
हाथों में लाल चूड़ा पहने एक युवती की चीख और आंखों से बरसते आंसू हर किसी के दिल को दहलादेने वाले थे। पति का शव मैदान के बीचोंबीच पड़ा था। कभी वो उसके पास जाकर इस आस में उसे झंझोड़ रही थी कि मानो वह उठ बैठेगा.. और कभी वो वहां मौजूद कुछ पत्रकारों और लोगों तक मेरे पति को बचा लो…की मदद मांगती नजर आ रही थी।
पति के बहते खून को रोकने के प्रयास और मदद मांगती रही
दूसरी तरफ एक महिला पर्यटक घायल पति को किसी तरह से उठाकर किनारे ले गई। किसी तरह से एक कुर्सी पर बैठाया। उसके बहते खून को रोकने के लिए अपना स्टोल उसके गले पर बांधा। तब तक वह खुद भी खून से सन चुकी थी। सहमी सी वह महिला भी बस चिल्लाती रही कि मेरी हेल्प करो…मेरे पति को बचा लो।
पर्यटन कारोबारियों का आक्रोश, यह अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की साजिश
बायसरन में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर के पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों में गहरा आक्रोश है। व्यवसायियों का कहना है कि यह हमला क्षेत्र की शांति और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की सोची-समझी साजिश है।
पर्यटक हमारे मेहमान हैं, अब हम उन्हें क्या आश्वासन देंगे
पहलगाम के एक होटल में कार्यरत बिलाल अहमद पाम्पोरी ने कहा, यह खबर सुनकर हम सभी को गहरा दुख हुआ। पर्यटक हमारे मेहमान हैं, अब हम उन्हें क्या आश्वासन देंगे। होटलियर क्लब गुलमर्ग के अध्यक्ष आकिब चोग ने कहा, हम पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। आतंक के इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं। यह हमला गुमराह तत्वों का हताश प्रयास है जो शांति और प्रगति को बर्दाश्त नहीं कर सकते। कारोबारी इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि सोशल मीडिया पर कश्मीरी उत्पादों के बहिष्कार की जो बातें हो रही हैं, वही तो आतंकवादियों का मकसद है। उनका कहना है कि ऐसी प्रतिक्रियाएं स्थानीय अर्थव्यवस्था को और नुकसान पहुंचाएंगी। पर्यटन उद्योग के प्रतिनिधियों ने केंद्र और राज्य सरकार से घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और पर्यटन उद्योग को सहयोग देने की मांग की है। सुरक्षा व्यवस्था और मेहमाननवाजी क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने की मांग की है।