TIO, नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कुछ महत्वपूर्ण प्रावधानों पर अंतरिम आदेश के जरिये रोक लगाने का प्रस्ताव रखा है। शीर्ष कोर्ट ने अदालतों की ओर से वक्फ घोषित संपत्तियों को गैर अधिसूचित करने, वक्फ में पदेन सदस्यों को छोड़कर अन्य गैर मुस्लिम सदस्य को शामिल करने और कलेक्टरों की जांच के दौरान संपत्ति को गैर वक्फ किए जाने के प्रावधानों पर रोक लगाने का प्रस्ताव रखा।

अधिनियम के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। हालांकि, कानून के लागू होने पर तत्काल रोक नहीं लगाई। शीर्ष कोर्ट ने इस मुद्दे पर हो रही हिंसा पर चिंता जताई। वहीं, केंद्र सरकार ने प्रावधानों पर रोक के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि शीर्ष कोर्ट को कोई भी निर्देश जारी करने से पहले मामले मे सुनवाई करनी चाहिए।

चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा, हमारा अंतरिम आदेश हिस्सेदारी को संतुलित करेगा। पहला, हम आदेश में कहेंगे कि न्यायालय की ओर से वक्फ घोषित की गई किसी भी संपत्ति को गैर अधिसूचित नहीं किया जाएगा, यानी उसे गैर वक्फ नहीं माना जाएगा, फिर चाहे वह संपत्ति उपयोगकर्ता की ओर से वक्फ की गई हो या विलेख के जरिए। दूसरा, कलेक्टर किसी संपत्ति से संबंधित अपनी जांच की कार्यवाही जारी रख सकता है, पर कानून का यह प्रावधान प्रभावी नहीं होगा कि कार्यवाही के दौरान संपत्ति गैर वक्फ मानी जाए। तीसरा, बोर्ड व परिषद में पदेन सदस्य नियुक्त किए जा सकते हैं, लेकिन अन्य सभी सदस्य मुस्लिम होने चाहिए।

सुनवाई के आखिर में पीठ ने अंतरिम आदेश पारित करने का संकेत दिया, लेकिन उसने केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर बृहस्पतिवार को भी विचार करने का फैसला किया। शीर्ष कोर्ट ने प्रस्ताव रखा कि अलग-अलग हाईकोर्ट में वक्फ कानून 1995 को दी गई चुनौती से संबंधित याचिकाएं भी सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित कर ली जाएं।

आज शीर्ष कोर्ट दे सकता है अंतरिम आदेश
अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली 72 से अधिक याचिकाओं के समूह पर करीब दो घंटे सुनवाई के बाद पीठ ने बुधवार को इस आशय का कोई आदेश पारित नहीं किया। पीठ ने कहा, बृहस्पतिवार को फिर से मामले की सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश पारित करने पर विचार करेगा। बुधवार को किसी पक्ष को नोटिस नहीं जारी किया गया।

प. बंगाल में हिंसा पर जताई चिंता
सुनवाई के अंत में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में चल रही हिंसा पर भी चिंता व्यक्त की और कहा, एक बात बहुत परेशान करने वाली है कि हिंसा हो रही है। अगर मामला कोर्ट में लंबित है तो ऐसा नहीं होना चाहिए। याचिकाकतार्ओं की ओर से पेश कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक मनु सिंघवी सहित कई वरिष्ठ वकीलों ने भी कहा, हिंसा नहीं होनी चाहिए।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER