TIO, न्यूयॉर्क ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद और साइबर, समुद्री व अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में संघर्ष के नए क्षेत्रों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर कार्रवाई वैश्विक महत्वाकांक्षा से मेल खानी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र के समिट फॉर फ्यूचर में इस्राइल-हमास युद्ध व यूक्रेन संकट समेत दुनियाभर में संघर्षों की पृष्ठभूमि में पीएम मोदी ने कहा, मानवता की सफलता हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं। दुनिया में शांति व विकास के लिए वैश्विक संस्थाओं में सुधार जरूरी है।
दुनियाभर से आए नेताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, नमस्कार। मैं संयुक्त राष्ट्र में 1.4 अरब भारतीयों या मानवता के छठे हिस्से की आवाज को उठाता हूं। आज जब हम वैश्विक भविष्य पर चर्चा कर रहे हैं, हमें मानव-केंद्रित दृष्टिकोण को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। अपने पांच मिनट के संबोधन में उन्होंने कहा कि बीते साल नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकी संघ को जी-20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करना इस दिशा में एक अहम कदम था। सतत विकास को प्राथमिकता देते हुए हमें मानव कल्याण, खाद्य व सेहत सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी चाहिए।
भारत स्थायी सदस्यता का हकदार
पीएम मोदी ने कहा, शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद वर्तमान भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती है। भारत 15 देशों की सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए चल रहे प्रयासों में सबसे आगे रहा है। वह सही मायने में परिषद में स्थायी सदस्यता का हकदार है। भारत आखिरी बार 2021-22 में एक अस्थायी सदस्य के रूप में इसमें शामिल हुआ था।
वैश्विक डिजिटल शासन की जरूरत
पीएम मोदी ने कहा, प्रौद्योगिकी के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के लिए वैश्विक स्तर पर संतुलित विनियमन की जरूरत है। हमें एक ऐसा वैश्विक डिजिटल शासन चाहिए, जो सुनिश्चित करे कि राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता बरकरार रहे। डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना एक पुल होनी चाहिए, न कि बाधा। भारत दुनिया की भलाई के लिए अपने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को पूरे विश्व के साथ साझा करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, जून में अभी-अभी मानव इतिहास के सबसे बड़े चुनाव में भारत के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार सेवा का अवसर दिया है और मैं यहां मानवता के छठे हिस्से की आवाज आप तक पहुंचाने आया हूं। जब हम ग्लोबल फ्यूचर के बारे में बात कर रहे हैं, तो मानव-केंद्रित दृष्टिकोण सर्वप्रथम होनी चाहिए। सतत विकास को प्राथमिकता देते हुए, हमें मानव कल्याण, भोजन, स्वास्थ्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी। हमने भारत में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालकर दिखाया है कि सतत विकास सफल हो सकता है। हम सफलता के इस अनुभव को वैश्विक दक्षिण के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं।
‘आतंकवाद वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा’
संयुक्त राष्ट्र में ‘समिट आॅफ द फ्यूचर’ में पीएम मोदी ने आगे कहा कि आतंकवाद वैश्विक शांति के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। जबकि साइबर, समुद्री और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्र संघर्ष के नए मोर्चे के रूप में उभर रहे हैं। इन सभी मुद्दों पर वैश्विक कार्रवाई वैश्विक महत्वाकांक्षा से मेल खानी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, प्रौद्योगिकी के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के लिए संतुलित विनियमन की आवश्यकता है। हमें ऐसे वैश्विक डिजिटल शासन की आवश्यकता है जिसमें राष्ट्रीय संप्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रहे। डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर एक पुल होनी चाहिए न कि बाधा।
पीएम मोदी ने वियतनाम के राष्ट्रपति से की मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर वियतनाम के राष्ट्रपति टो लैम के साथ द्विपक्षीय बैठक की। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘वियतनाम के राष्ट्रपति टो लैम से मुलाकात की। हमने भारत-वियतनाम मैत्री के पूर्ण आयाम पर चर्चा की। हम कनेक्टिविटी, व्यापार, संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने के लिए तत्पर हैं।’
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे का समापन हो गया है। यह दौरा काफी सफल रहा और वह थोड़ी देर में भारत के लिए रवाना होंगे। विक्रम मिसरी ने बताया कि आज प्रधानमंत्री मोदी ने वियतनाम के राष्ट्रपति और कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव तो लैम से मुलाकात की। इनके अलावा पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की। अमेरिका दौरे पर प्रधानमंत्री ने बोस्टन और लॉस एंजेल्स में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलने का एलान किया।
नेपाल के प्रधानमंत्री से की मुलाकात
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि ‘पहली बार नेपाल के प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात हुई। इस बैठक ने उन्हें दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और विकास साझेदारी, ऊर्जा, बिजली, भौतिक संपर्क, लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने कुवैत के क्राउन प्रिंस के साथ भी बैठक की। कुवैत के क्राउन प्रिंस ने कहा कि भारत कुवैत के इतिहास का हिस्सा है और उन्होंने कुवैत की कुछ पुरानी कहावतों का हवाला दिया जो दोनों देशों के बीच संबंधों की निकटता को दशार्ती हैं। दोनों देशों के नेताओं की कुछ उच्च-स्तरीय यात्राओं पर विचार-विमर्श किया गया और आने वाले महीनों में इनकी योजना बनाई जाएगी।’
जेलेंस्की के साथ तीन महीने में तीसरी बैठक
प्रधानमंत्री मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की द्विपक्षीय बैठक पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, ‘संभवत: तीन महीने के अंतराल में दोनों नेताओं के बीच यह तीसरी बैठक है। उन्होंने द्विपक्षीय मुद्दों के साथ-साथ रूस-यूक्रेन संघर्ष से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने इन मुद्दों पर भारत के ध्यान देने की बहुत सराहना की और प्रधानमंत्री की यूक्रेन यात्रा की बहुत सराहना की। उन्होंने शांति और इस संघर्ष से बाहर निकलने का रास्ता खोजने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा किए जा रहे प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।’