TIO, भोपाल
मध्य प्रदेश में गोशालाओं में पलने वाली गायों की दुर्दशा कम होने का नाम नहीं ले रही है। राज्य सरकार की ओर से एक साल पहले गायों के आहार के लिए अनुदान बढ़ाने की घोषणा की गई थी, लेकिन अब तक इस निर्णय पर कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। इससे गोशालाओं में रह रही गायों की स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।
प्रदेश में गायों की बेहतर आहार और देखभाल उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने करीब एक साल पहले अनुदान की राशि प्रति गौवंश रोजाना 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये करने की घोषणा की थी, जिसे जुलाई 2024 से बढ़ा कर देने का वादा किया गया था। इसके बावजूद अनुदान की राशि अब तक नहीं बढ़ पाई है। इस मामले में पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा है। उनका कहना है कि अनुदान देने में नीति में बदलाव करने के कारण समय लग गया है।
गौशाला संचालक निराश
हद तो यह है कि घोषणा के बाद एक बजट जाने के बाद दूसरा बजट सत्र आने वाला है। गायों के आहार के लिए अनुदान अब तक नहीं बढ़ा है, जिससे प्रदेश के गौपालकों और गौशाला संचालकों में निराशा का माहौल है। इस देरी के कारण गायों की उचित पोषण नहीं मिल पा रहा है। गौशालाओं में गायों की बढ़ती संख्या और वित्तीय संकट के कारण उनकी स्थिति भी ठीक नहीं है। इसके कई गौशालाओं की रिपोर्ट से सामने आ चुका है।
सीएम ने गौरक्षा संवाद कार्यक्रम में की थी घोषणा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मार्च 2024 में कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में ‘गोरक्षा संवाद’ निराश्रित गोवंश एवं गोशालाओं का बेहतर प्रबंधन’ पर हितधारकों की कार्यशाला में प्रति गौवंश प्रतिदिन 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये करने की घोषणा की थी। गोशालाओं को अब तक बढ़ा हुआ अनुदान नहीं मिल पाया है।
अभी नवंबर 2024 तक का ही अनुदान दिया गया
पशुपालन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि विभाग के पास बजट की कमी भी अनुदान बढ़ाने में बड़ी बाधा बन रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की करीब 2500 गौशालाओं को गौवंश के अनुदान की राशि नवंबर 2024 तक की जारी की गई है। अभी दिसंबर का पेडिंग अनुदान बचा हुआ है।
मार्च से मिलने लगेगा बढ़ा हुआ अनुदान
वहीं, पशुपालन विभाग के मंत्री लखन पटेल ने कहा कि अनुदान बढ़ाने की कार्रवाई चल रही है। इसमें थोड़ी देरी हुई है। सभी गौशालाओं में प्रति गौवंश प्रतिदिन 40 रुपये से अनुदान की राशि मार्च 2025 से मिलने लगेगी। इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट में स्वीकृति के लिए लाया जाएगा।