राघवेंद्र सिंह
इन दिनों मध्यप्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक आकाश में नए त्रिदेव-मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, मुख्यसचिव अनुराग जैन और पुलिस के नए महानिदेशक कैलाश मकवाना का उदय हो रहा है।सूबे की रियाया के लिए ये त्रिमूर्ति उम्मीदों का नया आसमान लेकर आई है । जगह जगह से सड़ती – गलती व्यवस्था में सीएस अनुराग जैन से सबको सुधार की बड़ी अपेक्षा है। जैन के दिल्ली कनेक्शनों की धमक बेलगाम नेता और मक्कार व रिश्वतखोर हुए तंत्र को काबू में रख पाने में मददगार होगी। सीएस के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह कैंप से संबंध कई मायने में लाभकारी साबित होंगे । इन रिश्तों के कारण राज्य में गलत कामों को रोकने और केंद्र में अटकने व उलझने वाली योजनाओं को निकलवाने में ट्रम्पकार्ड साबित हो सकते हैं। बशर्ते राज्य की राजशाही उनके सम्पर्को का कितना सदुपयोग कर पाती है।
सूबे में सीएम के साथ सीएस के समन्वय का उदाहरण पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में देखने को मिला। मामला उज्जैन संभाग में सड़क निर्माण के लिए दो हजार करोड़ रू से अधिक के प्रस्ताव को मंजूरी को लेकर था । उज्जैन सिंहस्थ की तैयारियों के अतिरिक्त सीएम यादव का गृह नगर होने के कारण सर्वोच्च प्राथमिकता पर है। वैसे भी सरकार के बजट का बड़ा हिस्सा लाड़ली बहनों की राशि के भुगतान पर खर्च हो रहा है। इसके बाद जो बचता है वह उज्जैन विकास पर खर्च हो रहा है । राज्य के शेष हिस्सों में विकास कार्य की गति सुस्त हो गई है । इसी भावना के तहत मंत्रिपरिषद की बैठक में दो वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और प्रहलाद सिंह पटेल ने उज्जैन संभाग की सड़कों के लिए तय राशि पर यह कहते हुए एतराज जताया कि ऐसे में प्रदेश की सड़कों का निर्माण और रखरखाव कैसे होगा ? दरअसल यह बात पूरे मंत्रिमंडल के सदस्यों की भावनाओं का प्रकटीकरण थी। बात बिगड़ती देख सीएस जैन ने निर्माण को लेकर स्तिथि स्पष्ट की और फिर मामला शांत हो गया। ऐसे अनेक मामले आएंगे जो सीएस की समझदारी व समन्वय से सुलझ सकते हैं । प्रदेश में सड़कों के साथ मेट्रो-फ़्लाइओवर्स की डिजाइनों व निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सीएस ने जो अप्रसन्नता व्यक्त की थी उसके चलते प्रशासनतंत्र थोड़ा सकते में है उसमे डर सा पैदा हुआ है और तनिक सक्रियता भी बढ़ी है ।
इसी तरह प्रदेश पुलिस के नए मुखिया कैलाश मकवाना नियुक्ति को लेकर भी सीएम डॉ यादव की प्रशंसा हो रही है ।दरअसल मकवाना की ईमानदारी और अनुशासन को लेकर उनके विरोधी भी सराहना किए बिना नहीं रहेंगे । आने वाले दिनों में प्रदेश की पुलिस व्यवस्था में सुधार देखने को मिल सकते हैं । पुलिस में अनुशासन और नशे के ख़िलाफ़ श्री मकवाना का कड़ा रूख सूबे को “उड़ता पंजाब “ बनने के खतरे बाहर निकाल सकता है। इस मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ की ईमानदार अफ़सरों को फ्री हैंड देने की नीति कारगर साबित होगी । इंदौर-भोपाल से लेकर बुंदेलखंड और चंबल जैसे इलाकों में ड्रग स्मगलर और माफिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई के अनेक उदाहरण प्रस्तुत करने की चुनौतियां डीजीपी मकवाना के सामने है ।
इंदौर में ताई पुत्र के शोरूम हमला…
इंदौर में लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के पुत्र के कार वर्कशाप पर तोड़फोड़ और गुडों का ताई के पोते पर भी हमला एक बड़ी घटना है । इस हाइप्रोफ़ाईल वारदात ने पुलिस को चिढ़ाया है और डीजीपी को भी चुनौती दी है। सबको पता है इंदौर सब तरह के अपराध के मामले में देश में कुख्यात हो रहा है । लोग भयभीत रहने लगे हैं। लेकिन मकवाना जी के हाथ पुलिस की कमान है तो अपन तो यही कहेंगे ऑल इज वेल … कुल मिलाकर सूबे के त्रिदेव कसौटी पर है ।हालात सुधरे तो ज़िंदाबाद वरना आलोचना समालोचना के स्वर भी सुनाई देंगे…