TIO, इस्लामाबाद।

पाकिस्तान में नई सरकार का सस्पेंस खत्म हो गया है। 12 दिन बाद नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और बिलावट भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बीच अलायंस के फॉर्मूले पर फाइनली मुहर लग गई है। दोनों ही पार्टियों के लिए लंबे समय से बातचीत चल रही थी। मंगलवार देर रात दोनों ही पार्टियों के हाईकमान ने अलायंस में सरकार बनाने की घोषणा कर दी है।

पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने घोषणा की कि पीएमएल-एन की तरफ से शहबाज शरीफ (72 साल) एक बार प्रधानमंत्री बनेंगे। दोनों ही पार्टियां अलांयस की सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। बिलावल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा,पीपीपी और पीएमएल-एन ने जरूरी संख्याबल हासिल कर लिया है और अब हम सरकार बनाने की स्थिति में हैं। वहीं, समझौते के फॉमूर्ले के मुताबिक, पीपीपी के सह-अध्यक्ष आसिफ जरदारी (68 साल) का दोबारा देश का राष्ट्रपति बनना तय है। इसके अलावा पीएमएल-एन की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज (50 साल) को पंजाब के मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किए जाने की खबरें हैं।

‘इमरान बहुमत जुटाने में असफल रहे’
बिलावल ने आगे कहा, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी समर्थित उम्मीदवार और सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल केंद्र में सरकार बनाने के लिए संसद में साधारण बहुमत हासिल करने में विफल रही है। बिलावल ने उम्मीद जताई कि गठबंधन सरकार बनाने के लिए पीएमएल-एन के साथ राजनीतिक गठबंधन की खबर से बाजार में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी। फिलहाल, पाकिस्तान इस समय नकदी संकट से जूझ रहा है।

‘इमरान के हटने के बाद 2022 में पीएम बने थे शहबाज’
फिलहाल, शहबाज के दूसरी बार पीएम बनने का रास्ता साफ होते दिख गया है। इमरान खान के सत्ता से हटने के बाद शहबाज पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री बने थे और अप्रैल 2022 से अगस्त 2023 तक देश की बागडोर संभाली थी। वे पीपीपी के समर्थन से सरकार में आए थे।

‘पिता को राष्ट्रपति बनते देखना चाहते हैं’
इससे पहले बिलावल ने एक बयान में कहा था, वो अपने पिता आसिफ अली जरदारी (68 साल) को एक बार फिर राष्ट्रपति बनते देखना चाहेंगे। दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति जरदारी 2008 से 2013 तक राष्ट्रपति रह चुके हैं। उन्होंने कहा, मैं यह इसलिए नहीं कह रहा हूं क्योंकि वे मेरे पिता हैं। मैं यह इसलिए कह रहा हूं क्योंकि देश इस समय भारी संकट में है और अगर किसी के पास इस आग को बुझाने की क्षमता है तो वो आसिफ अली जरदारी हैं।

‘सबसे ज्यादा इमरान समर्थित उम्मीदवार जीते’
बता दें कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 266 सीटें हैं। 265 सीटों के नतीजे जारी हुए हैं। सरकार बनाने के लिए 133 सीटें होना जरूरी है। देश में 8 फरवरी को आम चुनाव हुए थे। सबसे ज्यादा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि आम चुनाव में सबसे ज्यादा 101 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। इनमें 93 उम्मीदवार इमरान खान की पार्टी पीटीआई के समर्थित हैं। उसके बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज को 75 सीटें, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को 54 सीटें मिलीं। मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान को 17 सीटें मिलीं। अन्य पार्टियों को भी 17 सीटें मिलीं हैं। एक सीट का नतीजा रोक दिया गया है। किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने से त्रिशंकु संसद की स्थिति बन गई। इमरान खान जेल में बंद हैं और वो सरकार बनाने की कवायद में पिछड़ गए।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER