TIO, नई दिल्ली।

कोयंबटूर जिले की प्रसिद्ध जैविक किसान और पद्म पुरस्कार से सम्मानित पप्पाम्मल का शुक्रवार रात निधन हो गया। 109 वर्ष की उम्र में पप्पाम्मल ने अंतिम सांस ली। उनका जीवन कृषि और समाजसेवा को समर्पित रहा, और उन्हें 2021 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से एक है। पप्पाम्मल ने जैविक खेती को बढ़ावा देने और इसके महत्व को समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह न केवल एक कुशल किसान थीं, बल्कि उन्होंने अपने जीवन में सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उनकी प्रेरणादायक यात्रा ने कृषि क्षेत्र में अनगिनत लोगों को प्रेरित किया है।

पीएम मोदी ने फोटो शेयर कर जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शोक संदेश में जैविक महिला किसान पप्पम्मल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कृषि, खासकर जैविक खेती में उनके योगदान की सराहना की और बताया कि लोग उनकी विनम्रता और मृदुभाव के लिए उन्हें प्रशंसा की दृष्टि से देखते थे। उन्होंने उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति अपनी संवेदनाएँ प्रकट कीं। अंत में उन्होंने ‘ओम शांति’ कहकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

डीएमके की थीं सक्रिय सदस्य
इसके अलावा, पप्पाम्मल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम पार्टी की सक्रिय सदस्य भी थीं। उनकी इस राजनीतिक भागीदारी ने भी उन्हें व्यापक पहचान दिलाई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम।के। स्टालिन ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “पप्पाम्मल के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है।

सीएम स्टालिन ने जताया शोक
ऐसा लग रहा है कि मैंने अपने परिवार के किसी सदस्य को खो दिया है। वह सिर्फ एक किसान नहीं थीं, बल्कि समाज की एक महान प्रेरणा थीं।” मुख्यमंत्री ने पप्पाम्मल के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके निधन से तमिलनाडु और पूरे देश में एक शून्य महसूस किया जा रहा है, खासकर कृषि और सामाजिक क्षेत्रों में। उनके जीवन की विरासत हमेशा याद की जाएगी, और उनकी प्रेरणा ने कई किसानों और सामाजिक कार्यकतार्ओं को नई दिशा दिखाई है।

खेती में किए थे कई प्रयोग
पपम्मल अपने खेतों में बाजरा, दलहन, सब्जियों की खेती करती थीं और जैविक कृषि में रुचि होने की वजह से उन्होंने कई तरह के प्रयोग किए थे। इसके अलावा पपम्मल अपने जीवन में राजनीतिक और सामाजिक जीवन में काफी सक्रिय रहीं। उन्होंने कई किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित किया। उम्र के आखिरी पड़ाव पर भी पपम्मल खेती करती रहीं, जो वाकई हैरान करने देने वाला और प्रेरणा देने वाला है।

पीएम मोदी ने भी की थी मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2021 में कोयंबटूर में अपने चुनाव अभियान के बाद थक्कमपट्टी की निवासी जैविक किसान आर पप्पम्मल से मुलाकात की थी। इसके बाद पीएम मोदी ने उनके साथ अपनी तस्वीर भी शेयर की थी। साथ ही पीएम मोदी ने लिखा था, ह्यआज कोयंबटूर में आर। पप्पम्मल जी से मुलाकात की। उन्हें कृषि और जैविक खेती में असाधारण काम के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER