TIO, नई दिल्ली
अफगानिस्तान में बुधवार सुबह-सुबह 5.9 तीव्रता का भूकंप आया। इसकी तीव्रता इतनी तेज थी कि इसका असर भारत के कई इलाकों में महसूस किया गया। उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में धरती में कंपन्न महसूस किया गया। हालांकि, इसका सबसे ज्यादा असर पाकिस्तान और तजाकिस्तान में रहा। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘एक्स’ पर कुछ लोगों ने दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस होने की बात कही।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने बताया कि बुधवार सुबह अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में 5.9 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में जमीन से 75 किलोमीटर की गहराई में था। 5.9 तीव्रता का भूकंप गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए काफी शक्तिशाली माना जाता है। हालांकि, अभी तक किसी के हताहत होने या नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है।
भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए भूकंप के झटके
कहा जा रहा है कि भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र समेत भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए। सोशल मीडिया पर भूकंप के बारे में संदेशों की बाढ़ सी आ गई। दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के लोगों ने भूकंपीय गतिविधि को लेकर ‘एक्स’ पर कई पोस्ट किए।
म्यांमार में भी आ रहे भूकंप के झटके
इससे पहले म्यांमार में 28 मार्च को आए भूकंप के विनाशकारी भूकंप के झटकों के बाद रोज ही धरती में कंपन्न हो रहा है। सबसे ताजा झटका 14 अप्रैल को लगा था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 4. मापी गई थी। भूकंप सोमवार सुबह 10 बजकर छह मिनट पर जमीन से 103 किमी. की गहराई में आया था। इस भूकंप का असर भी भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में महसूस किया गया था। मणिपुर में इसका असर सबसे ज्यादा था। इससे पहले रविवार को म्यांमार में 4.5 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप 10 किमी. गहराई में दर्ज किया गया था, जिससे यह आफ्टरशॉक के लिए अतिसंवेदनशील माना गया था।
मरने वालों की संख्या 3649, 5018 लोग घायल
28 मार्च के भूकंप के बाद आए सैकड़ों झटकों में से इस भूकंप के कारण किसी बड़े नुकसान या हताहत होने की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रवक्ता मेजर जनरल जॉ मिन टुन के मुताबिक, अब तक भूकंप में मरने वालों की संख्या 3,800 के करीब थी, जबकि 5000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
मौजूदा मानवीय संकट और भी बदतर हुआ
संयुक्त राष्ट्र ने पिछले सप्ताह चेतावनी दी थी कि 28 मार्च को आए भूकंप से होने वाली क्षति म्यांमार में मौजूदा मानवीय संकट को और भी बदतर बना देगी। म्यांमार फिलहाल गृहयुद्ध से जूझ रहा है। इस वजह से पहले ही 30 लाख से अधिक लोग यहां से विस्थापित हो चुके हैं। भूकंप ने कृषि उत्पादन को बुरी तरह से प्रभावित किया है। कई चिकित्सा सुविधाओं के क्षतिग्रस्त या नष्ट होने से म्यांमार में स्वास्थ्य आपातकाल के हालात बन गए हैं।