ताइपे। चीन और ताइवान के बीच लगातार तनातनी चल रही है। बुधवार और गुरुवार सुबह को चीन की सेना ने ताइवान की सीमा में घुसपैठ की कोशिश की। हालांकि ताइवान की सेना ने भी इसका जवाब दिया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बयान जारी कर बताया कि 32 चीनी लड़ाकू विमान 20 से 21 मार्च को सुबह करीब छह बजे ताइवान की सीमा के करीब देखे गए। साथ ही चीन की नौसेना के पांच युद्धक जहाज भी ताइवान की सीमा के नजदीक देखे गए।
चीन और ताइवान के बीच एक अनौपचारिक सीमा
रक्षा मंत्रालय का दावा है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के इन 32 विमानों में से 20 युद्धक विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य को लांघा और दक्षिण-पश्चिमी, दक्षिणपूर्वी और पूर्वी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में घुस गए। बता दें चीन और ताइवान के बीच यह जल संधि एक अनौपचारिक सीमा है।
ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने बताया कि कल ताइवान में 15 चीनी सैन्य विमान और 10 नौसैनिक जहाज घुस आए। इतना ही नहीं चीन के 15 विमानों में से छह ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में घुस गए। हालांकि उस समय किसी भी विमान ने ताइवान स्ट्रेट मीडियन लाइन को पार नहीं किया था।
इसके बाद ताइवान के बलों ने स्थिति पर नजर रखी और गतिविधियों के जवाब में सीएपी विमान, नौसेना के जहाजों और तटीय मिसाइलों प्रणालियों को तैनात किया।
ताइवान खुद को संप्रभु राष्ट्र मानता
रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2020 से चीन ने ताइवान के आसपास सक्रिय सैन्य विमानों और नौसैनिक जहाजों की संख्या में धीरे-धीरे वृद्धि करके ग्रे जोन रणनीति के अपने उपयोग को बढ़ा दिया है। गौरतलब है चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को संप्रभु राष्ट्र मानता है। चीन के दबान के कारण सिर्फ 10 से अधिक देशों ने ताइवान को एक अलग देश के रूप में मान्यता दी हुई है।