TIO, नई दिल्ली।

सुप्रीम कोर्ट सोमवार को मानहानि मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। हाईकोर्ट के आदेश के तहत 2018 में यू ट्यूबर ध्रुव राठी की ओर से प्रसारित एक वीडियो को साझा करने से जुड़े आपराधिक मानहानि मामले में एक आरोपी के रूप में उन्हें जारी किए गए समन को बरकरार रखा गया था। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर सकती है।

अब जानिए, क्या है पूरा मामला
यह मामला विकास सांकृत्यायन उर्फ विकास पांडे द्वारा दायर किया गया था, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थक होने का दावा करता है और सोशल मीडिया पेज ‘आई सपोर्ट नरेंद्र मोदी’ का संस्थापक है। वीडियो में ध्रुव राठी ने कहा था कि पांडे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आईटी सेल के दूसरे नंबर के नेता हैं और पांडे ने एक बिचौलिए के माध्यम से महावीर प्रसाद नामक व्यक्ति को अपने आरोपों को वापस लेने के लिए 50 लाख की पेशकश की थी कि सत्तारूढ़ पार्टी की आईटी सेल झूठ और फर्जी खबरें फैलाता है। प्रसाद ने राठी के साथ एक साक्षात्कार में ये आरोप लगाए थे। यह इंटरव्यू राठी ने अपने यूट्यूब चैनल पर 10 मार्च, 2018 को ‘बीजेपी आईटी सेल इनसाइडर इंटरव्यू’ शीर्षक के तहत अपलोड किया था।

केजरीवाल ने बिना प्रमाणिकता के वीडियो शेयर किया
सात मई, 2018 को राठी ने बीजेपी आईटी सेल पार्ट 2 शीर्षक से वीडियो अपलोड किया और आरोप लगाया कि प्रसाद को पैसे की पेशकश की गई थी। इस वीडियो को केरजीवाल ने रीट्वीट किया था। पांडे के मामले में केजरीवाल ने सात मई, 2018 को उस वीडियो को रीट्वीट किया था जिसमें उनके खिलाफ झूठे और मानहानिकारक आरोप थे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को करोड़ों लोग फॉलो करते हैं और आरोपों की प्रामाणिकता की जांच किए बिना वीडियो को रीट्वीट करके दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी संख्या में दर्शकों के लिए उपलब्ध कराया है। केजरीवाल को 17 जुलाई, 2019 को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा समन जारी किया गया था।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER