TIO, भोपाल।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से आग्रह किया है कि उन्हें 74 बंगले स्थित बी-9 आवास आवंटित किया जाए। इसके पीछे उनका तर्क है कि आदिवासी वर्ग की पहली उपमुख्यमंत्री और पहली नेता प्रतिपक्ष रही स्व. जमुनादेवी इस बंगले में लंबे समय तक रही है। रिश्ते में वे मेरी बुआ थी। इस नाते बचपन से मेरी भी कई यादें इस बंगले से जुड़ी है। अत: बी-9 बंगला मुझे आवंटित करने की कृपा करें। इस आशय का पत्र उमंग ने मुख्यमंत्री को भेजा है। इसके बाद इसके बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। उमंग ने अपने पत्र में लिखा कि मैंने उन्हें बचपन से ही इस सरकारी बंगले में प्रदेशवासियों की सेवा करते देखा है।
दरअसल, इस सरकारी बंगले की कहानी कुछ ऐसी है कि यहां बंगला बी-8 74 बंगले यानी मामा के घर के बाजू में है। इस बी-9 बंगले में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान रहा करते थे। कोरोना महामारी के दौरान उनका निधन हो गया। इसके बाद शिवराज सिंह ने अपने बंगले से सटे बी-9 बंगले को भी सीएम हाउस की एनेक्सी में तब्दील करा लिया था। इतना ही नहीं इस इकलौते बंगले को तोड़कर उसकी जगह नया आलीशान बंगला तैयार किया गया है। जो पूरे 74 बंगले में अलग ही दिखाई देता है।
इस नए नवेले बंगले पर उमंग के दावा करने से प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। अब देखना है कि मोहन सरकार नेता प्रतिपक्ष की मांग पूरी कर पाती है या नहीं। क्योंकि शिवराज सिंह पूर्व मुख्यमंत्री के नाते बी-8 और बी-9 दोनों ही बंगलों पर काबिज हो गए है। ऐसे में अगर उन्हें एक बंगला छोड़ना पड़ा तो वे किसे छोडंÞेगे। लकी बी-8 को या नए बी-9 को।
इस आवास में दफ्तर होता है संचालित
74 बंगले के बी-9 की कहानी कुछ इस तरह भी है कि यह लंबे समय तक नेता प्रतिपक्ष रहीं जमुना देवी का आवास रहा। इसके बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे स्वर्गीय नंदकुमार सिंह चौहान के नाम आवंटित रहा। इसके बाद यह शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह के सामाजिक संगठन किरार समाज के नाम पर आवंटित किया गया। लेकिन उसके बाद इस सरकारी बंगले को तोड़कर नया बनाया गया। लेकिन शिवराज सिंह चौहान यानी मामा के घर से लगे इस सरकारी आवास में उनका दफ्तर संचालित होता है और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मामा के घर से लगे इस आवास की मांग कर इस सरकारी बंगले को फिर से सुर्खियों में ला दिया है।