TIO, गांधीनगर।

लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन अब उनके दमन दीव लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की बात सामने आ रही है। यह दावा कांग्रेस की दमन दीव यूनिट के प्रदेश अध्यक्ष केतन पटेल ने किया है। दमन दीव में बीजेपी की मौजूदगी के बारे में बात की जाए तो भाजपा ने दमन दीव लोकसभा सीट से लगातार चौथी बार उम्मीदवार के तौर पर मौजूदा सांसद लालूभाई पटेल के नाम का ऐलान किया है। ऐसे में इस सीट से कांग्रेस सबसे बड़े चेहरे प्रियंका गांधी को भी रण में उतार सकती है।

केतन पटेल ने क्या कहा
दमन दीव के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केतन पटेल ने कहा,’यह सच है कि प्रियंका गांधी दमन दीव लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। इस संबंध में कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा भी हो चुकी है। इस सीट से प्रियंका गांधी को लड़ाने का गणित बन चुका है। सभी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए इस छोटे से केंद्र शासित प्रदेश से प्रियंका गांधी को कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर उतारा जा सकता है।’

पूरे सौराष्ट्र पर पड़ेगा असर!
केतन पटेल ने दावा किया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने दमन दीव लोकसभा सीट से प्रियंका गांधी को उम्मीदवार बनाने के लिए उनकी राय मांगी थी। अगर प्रियंका गांधी इस सीट से कांग्रेस का चेहरा बनती हैं तो इसका असर न सिर्फ दमन दीव बल्कि पूरे दक्षिण गुजरात की लोकसभा सीटों पर पड़ सकता है। इसके अलावा दीव के कारण पूरे सौराष्ट्र की लोकसभा सीटें इससे प्रभावित हो सकती हैं। दमन दीव कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के इस दावे के बाद अब इस छोटे से क्षेत्र की राजनीति में हलचल मच गई है।

अब रायबरेली पर सबकी नजर
दरअसल, उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से अब तक सोनिया गांधी चुनाव लड़ती आई हैं। पहले सोनिया ने 1999 में अमेठी से चुनाव लड़ा, ये वो दौर था, जब सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थीं। इसके बाद 2004, 2009, 2014 और 2019 में उन्होंने रायबरेली से चुनाव जीता। हालांकि, 2019 में सोनिया गांधी ने यह स्पष्ट कर दिया था कि उस साल वह उनका आखिरी लोकसभा चुनाव होगा। कुछ दिनों पहले ही सोनिया गांधी को राजस्थान से राज्यसभा भेजने का फैसला किया गया। सोनिया को राजस्थान से राज्यसभा भेजने के बाद अगर अब प्रियंका भी दमन दीव से लोकसभा चुनाव लड़ती हैं तो ऐसे में सबकी नजर रायबरेली सीट पर है कि आखिर यहां से किसे टिकट दिया जाएगा।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER