TIO, नई दिल्ली।
दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी की आखिरी खाली सीट के लिए शुक्रवार यानी कल मतदान हुआ। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस हिस्सा नहीं लिया। आप ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) स्थायी समिति के चुनाव को असंवैधानिक और अवैध करार दिया। एमसीडी में स्टैंडिंग कमिटी के चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। मेयर ने स्टैंडिंग कमिटी के चुनाव को अवैध बताया है। उन्होंने कहा कि ये चुनाव नियम कानून को ताक पर रखकर हुआ।
दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य चुनाव के बाद शनिवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी ने कहा, “हमारा भारत देश संविधान से चलता है और संविधान के अनुसार बनाए गए कानूनों से चलता है। दिल्ली के नगर निगम को चलाने के लिए भारत की संसद ने एक कानून पारित किया हुआ है जो है दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957… उन नियम कानूनों को हम देखने जाएं तो ‘रेगुलेशन 51’ जो स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव के बारे में है उसमें स्पष्ट है कि स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव निगम बैठक में होगा। उसकी तारीख, समय और जगह केवल मेयर निर्धारित कर सकती हैं और निगम बैठक की अध्यक्षता भी केवल मेयर कर सकती हैं।
सीएम आतिशी ने कहा, ‘भाजपा को लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने से कोई फर्क नहीं पड़ता और लोकतंत्र और संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए उपराज्यपाल के पास शक्तियां न होते हुए, उपराज्यपाल आदेश देते हैं और कमिश्नर वो आदेश मानते हैं, निगम की बैठक बुलाते हैं, चुनाव करवाते हैं और एक चुने हुए मेयर की जगह एक कअर अधिकारी को अध्यक्ष बना देते हैं। कल का जो गैर-कानूनी चुनाव करवाया गया उसमें उपराज्यपाल ने, भाजपा ने और उनके अफसरों ने उसमें संविधान और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाईं।’
शुक्रवार को विवादों के बीच हुआ चुनाव, भाजपा के सुंदर बने स्थायी समिति के सदस्य
सियासी उठापटक के बीच शुक्रवार को एमसीडी स्थायी समिति के एक सदस्य का चुनाव हुआ। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बहिष्कार से एकतरफा वोटिंग हुई और 115 वोट हासिल कर भाजपा के पार्षद सुंदर सिंह तंवर विजयी घोषित हो गए। इससे एमसीडी की सबसे अधिकार संपन्न स्थायी समिति में भाजपा का बहुमत हो गया है। अब 18 सदस्यीय समिति में अब भाजपा के 10 और आप के आठ सदस्य हैं। इससे अब स्थायी समिति के अध्यक्ष पद पर भाजपा का दावा मजबूत हो गया।
गुरुवार देर रात चुनाव कराने में नाकाम रही एमसीडी ने उपराज्यपाल के दिशा-निर्देश पर शुक्रवार को दोबारा सदन की बैठक बुलाई, लेकिन मेयर शैली ओबराय, डिप्टी मेयर आले इकबाल व वरिष्ठ पार्षद मुकेश गोयल ने अध्यक्षता करने से मना कर दिया। इसके बाद एमसीडी आयुक्त ने चुनाव कराने के लिए अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र यादव को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया। करीब एक बजे अतिरिक्त आयुक्त सदन की बैठक में बतौर पीठासीन अधिकारी पहुंचे और चुनाव कराया। इस दौरान भाजपा के सभी 115 सदस्य सीटों पर मौजूद थे, जबकि आप व कांग्रेस के सभी सदस्यों के साथ-साथ एक निर्दलीय सदस्य की सीट खाली थी। इसके बावजूद पीठासीन अधिकारी ने चुनाव की प्रक्रिया शुरू की और चुनाव कराने के लिए ढाई घंटे का समय दिया।
सदन में केवल भाजपा के ही सदस्य होने के कारण करीब सवा घंटे में मतदान की प्रक्रिया पूरी हो गई। इसके बावजूद उन्होंने मतगणना शुरू करने के बाद मतदान न करने वाले सदस्यों के दो बार नाम बुलवाए। पीठासीन अधिकारी ने चुनाव कराने का समय खत्म होने से 10 मिनट पहले एक बार फिर मतदान न करने वाले पार्षदों के नाम बोलने का निर्देश दिया। इस तरह उन्होंने करीब चार बजे मतगणना करने के निर्देश दिए। इस दौरान सभी 115 मत सुंदर सिंह के पक्ष में मिले और आप पार्षद निर्मला कुमारी के पक्ष में एक भी वोट नहीं मिला। इस तरह भाजपा पार्षद को निर्वाचित घोषित कर दिया गया। इसके बाद सदन में भाजपा पार्षदों सीटों पर खड़े होकर जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया।