TIO NEW DELHI
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी विधायकों व कार्यकर्ताओं के साथ सपा कार्यालय से विधानभवन की तरफ पैदल मार्च कर रहे हैं। मार्च के दौरान रूट बदलने को लेकर सपाइयों ने नाराजगी जताई। पहले से तयशुदा रूट पर जाने की मांग कर रहे हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा यदि रोकना था तो कल परमिशन क्यों दिया ? प्रशासन का कहना है कि जीपीओ के बजाय वीवीआइपी गेस्ट हाउस और एनेक्सी होते हुए विधानसभा जाएं। इस पर अखिलेश यादव व सपा विधायक सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। विधायक व कार्यकर्ताओं ने हाथों में नारे की तख्ती ले रखी है।
सपा ने बढ़ती महंगाई, किसानों की समस्याओं और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार के विरोध में इस पदयात्रा का आयोजन किया है।
पदयात्रा को लेकर विक्रमादित्य मार्ग को छावनी बना दिया गया है। वीवीआईपी चौराहा से लेकर सपा कार्यालय तक बैरिकेडिंग कर भारी संख्या में फोर्स लगा दी गई है। इस रास्ते पर आम लोगों का आवागमन बंद कर दिया गया है।
पदयात्रा के लिए अखिलेश यादव करीब पौने 10 बजे सपा कार्यालय पहुंच गए। पार्टी के अन्य विधायक भी कार्यालय पहुंचे गए हैं। यहां से सभी विधायक व कार्यकर्ता अखिलेश यादव के नेतृत्व में विधानभवन के लिए पैदल निकले।
23 सितंबर तक चलेगा सत्र
यूपी विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। 23 सितंबर तक चलने वाले 18वीं विधानसभा के दूसरे सत्र को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें महाना ने सभी दलों से सदन को सुचारु रुप से चलाने में मदद का अनुरोध किया, लेकिन विपक्ष ने महंगाई व कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार घेरने का एलान किया है।
ये है विपक्ष की रणनीति
मुख्य विपक्षी सपा के मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार फेल रही है। प्रदेश में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। खास तौर पर महिलाओं पर अपराध का ग्राफ ज्यादा बढ़ा है। विपक्षी दलों के नेताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। महंगाई से जनता को दो जून की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को सदन में इन मुद्दों के आधार पर घेरा जाएगा। कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’, बसपा के उमाशंकर सिंह, रालोद के राजपाल बालियान, सुभासपा के बेदीराम ने भी महंगाई और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरने का एलान किया है। बैठक में अपना दल एस से राम निवास वर्मा, निषाद पार्टी से अनिल कुमार त्रिपाठी और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) से विनोद सरोज भी शामिल हुए।