नई दिल्ली। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प की कम से कम दो अज्ञात घटनाएं सामने आई हैं। भारतीय सेना के जवानों को दिए गए वीरता पुरस्कारों के प्रशस्ति पत्र में इन झड़पों का जिक्र किया गया है। पिछले हफ्ते सेना की पश्चिमी कमान की ओर से अलंकरण समारोह आयोजित किया गया था। इस दौरान प्रशस्ति पत्र में इसकी जानकारी दी गई। इसमें बताया गया था कि किस तरह से भारतीय सेना के जवानों ने एलएसी पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों की आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब दिया।

यूट्यूब पर वीडियो अपलोड किया, फिर हटाया
पश्चिमी कमान ने बीते शनिवार को समारोह का एक वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर डाला था। जिसमें, वीरता पुरस्कारों पर टिप्पणी की गई थीं। लेकिन, मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सोमवार को इसे हटा दिया गया।पश्चिमी कमान का मुख्यालय हरियाणा के चंडी मंदिर में है। प्रशस्ति पत्र में उल्लिखित घटनाएं सितंबर 2021 और नवंबर 2022 के बीच की थीं। इस मामले पर सेना ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है। जून 2020 में दोनों देशों के सैनिकों के बीच गलवां घाटी में झड़पें हुईं थीं। इसके बाद से भारतीय सेना एलएसी पर बहुत उच्च स्तर की युद्ध तत्परता बनाए हुए है। एलएसी 3,488 किलोमीटर लंबी है।

चीनी अतिक्रमण के प्रयास पर क्या बोले रक्षामंत्री
चीनी सैनिकों ने तवांग सेक्टर में भी कब्जे का प्रयास किया था। घटना के चार दिन बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में इस पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि नौ दिसंबर 2022 को पीएलए के सैनिकों ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में एलएसी को पार करने कोशिश की और एकतरफा यथास्थिति बदल दी। भारतीय सेना के जवानों ने इस कोशिश का मजबूती से मुकाबला किया। सूत्रों ने बताया कि भारत सेना के उन जवानों को भी समारोह में वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो चीन के कब्जा करने के प्रयासों का मजूबती से मुकाबला करने में शामिल थे।

चीनी सैनिकों को वापस लौटने पर किया मजबूर
राजनाथ सिंह ने उस वर्ष 13 दिसंबर को कहा था, टकराव के कारण हाथापाई हुई। भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में घुसने से रोका और उन्हें अपनी चौकी पर लौटने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि हाथापाई के कारण दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को चोटें आईं।

‘हमारी सेनाएं क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध’
रक्षामंत्री ने कहा, मैं इस सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारी सेनाएं क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसका उल्लंघन करने के किसी भी प्रयास को विफल करना जारी रखेंगी। मुझे भरोसा है कि यह पूरा सदन हमारे सैनिकों के बहादुरी भरे प्रयास में उनका समर्थन करने के लिए एकजुट रहेगा।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER