TIO, नई दिल्ली
एक दिन पहले शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की जयंती थी। बाल ठाकरे की जयंती पर शिवसेना (शिंदे) और शिवसेना (यूबीटी), दोनों धड़ों ने मुंबई में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कर शक्ति प्रदर्शन किया। मुंबई में जब सत्ताधारी महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के दो घटक बाल ठाकरे की विरासत पर अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुटे थे, उसी दिन मुंबई से दूर पुणे में भी दोनों गठबंधनों के एक-एक नेता साथ बैठे थे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख अजित पवार की गुरुवार को पुणे में मुलाकात हुई।
शरद पवार और अजित पवार की ये मुलाकात बंद दरवाजे के भीतर हुई। वसंत दादा सुगर इंस्टिट्यूट (वीएसआई) की वार्षिक जनरल मीटिंग के बाद हुई दोनों नेताओं की बैठक के दौरान विधायक दिलीप वाल्से पाटिल समेत कई नेता मौजूद रहे। बीएमसी चुनाव करीब हैं और अजित पवार की मां ने भी हाल ही में दोनों दलों के एक हो जाने की कामना बताई थी। शिवसेना (शिंदे) के नेताओं ने बाल ठाकरे की जयंती पर महाराष्ट्र में सियासी भूचाल का दावा किया था। इन सब परिस्थितियों में एनसीपी (एसपी) और एनसीपी के प्रमुख की इस मुलाकात को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार के डिप्टी सीएम अजित पवार ने शरद पवार के साथ बंद दरवाजे के भीतर हुई मुलाकात को लेकर कहा है कि सुगर इंडस्ट्री से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बैठक में कृषि, एक्साइज, सहकारिता और ऊर्जा विभाग के प्रतिनिधि भी मौजूद थे जो सुगर इंडस्ट्री से करीब से जुड़े हुए हैं। वहीं, एनसीपी (एसपी) के विधायक रोहित पवार ने कहा है कि दो कप्तानों के बातचीत के लिए साथ आने का स्वागत किया जाना चाहिए। इस मुलाकात को लेकर बीजेपी की प्रतिक्रिया भी आ गई है।
महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष और सूबे की सरकार में मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि हमें नहीं पता इस चर्चा का स्वरूप राजनीतिक था या नहीं। उन्होंने ये भी कहा कि अगर ये राजनीतिक चर्चा थी तो अजित दादा को महायुति के भीतर भी बात करनी चाहिए थी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने ये भी जोड़ा कि यदि ये व्यक्तिगत मुलाकात थी तो विशुद्ध रूप से पारिवारिक मामला है। इससे पहले, शरद पवार ने वीएसआई की जनरल मीटिंग को संबोधित करते हुए अजित पवार के सुझाव पर दो पुरस्कारों के तहत दी जाने वाली पुरस्कार राशि 10 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का भी ऐलान किया।
शरद पवार अपने 18 मिनट लंबे संबोधन के दौरान कई बार खांसते नजर आए। गौरतलब है कि शरद पवार वीएसआई के चेयरमैन हैं और अजित पवार इसके ट्रस्टी। करीब दो साल पहले एनसीपी में हुई टूट के बाद यह पहला मौका था जब जनरल मीटिंग में दोनों चाचा-भतीजे साथ शामिल हुए।