नई दिल्ली। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने आरोप लगाया कि आप सरकार के मंत्रियों की मदद से पंजाब में अवैध रेत खनन चल रहा है। उन्होंने कहा कि ये एक गंभीर मामला है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है। नाराज सिद्धू ने आम आदमी पार्टी ये आरोप ऐसे समय में लगाया है, जबकि दोनों दल बैठकर सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा करने वाले हैं।

हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू से पंजाब कांग्रेस की लीडरशिप भी नाराज हैं। दरअसल सिद्धू बिना लीडरशिप को बताए अपनी अलग सभाएं कर रहे हैं। इसको लेकर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने उन्हें पहले भी चेतावनी दी थी। उसके बाद अब ऐसे समय में आम आदमी पार्टी के मंत्रियों को अवैध रेत खनन में शामिल बताकर सिद्धू अब कांग्रेस आलाकमान के सामने भी मुसीबतें खड़ी कर रहे हैं। पंजाब के रूपनगर में अवैध रेत खनन को रोकने के लिए कांग्रेस नेता सिद्धू और अन्य लोगों ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की थी। सिद्धू का ये रिएक्शन एनजीटी द्वारा पंजाब सरकार, जिला मजिस्ट्रेट और संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करने के बाद आई है।

पंजाब सरकार पर 630 करोड़ का जुर्माना- सिद्धू
सिद्धू ने कहा, यह मामला सिर्फ रोपड़ से नहीं, बल्कि पठानकोट और मोगा से भी आया है और लोगों ने सबूत के साथ चश्मदीद के रूप में गवाही दी है। पंजाब सरकार पर 630 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जिसका उन्होंने भुगतान नहीं किया है। नवजोत सिद्धू ने अअढ पर आरोप लगाया कि चुनाव से पहले उन्होंने जनता से वादा किया था कि वो हर साल करीब 20 हजार करोड़ रुपये की वसूली करेगी और इसे पंजाब की महिलाओं के बीच बांटा जाएगा।

सिद्धू ने आप सरकार पर लगाए आरोप
उन्होंने कहा, आप सरकार के दो साल पूरे हो गए हैं। दो साल में 40 हजार करोड़ रुपये हो गए हैं, लेकिन केवल 300 करोड़ रुपये ही लाभार्थियों तक पहुंचे। इस तरह 39,700 करोड़ रुपये उनकी जेब में चले गए। यह अर्थव्यवस्था से जुड़ा एक गंभीर मामला है। पंजाब के मंत्रियों की नाक के नीचे अवैध रेत खनन चल रहा है। हम यह भी कह सकते हैं कि उनकी सुविधा से अवैध खनन किया जा रहा है। सिद्धू ने रूपनगर में चल रहे अवैध खनन को लेकर दायर याचिका पर कहा, मैंने पंजाब के कुछ लोगों के साथ मिलकर इस मामले में एनजीटी में याचिका दायर की थी, जिसमें मांग की थी कि अधिकारियों की पहचान और विस्तृत जांच की जाए। इस मामले को एनजीटी, दिल्ली की कोर्ट नंबर 1 में लिस्ट किया गया।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER