TIo, भोपाल
भोपाल के गायत्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक किशन मोदी की पत्नी पायल मोदी ने जहर खाकर जान देने का प्रयास किया। पायल मोदी ने हालत में सुधार के बाद वीडियो बयान जारी कर दोबारा आरोप लगाया कि चंद्र प्रकाश पांडे और वेद प्रकाश पांडे उनकी कंपनी में पार्टनर थे, लेकिन जब गबन के आरोप में उन्हें कंपनी से बाहर किया तो उन्होंने आर्थिक अपराध इकाई, प्रवर्तन निदेशालय आदि का छापा डलवा दिया। पायल मोदी ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को भी इस कांड में घसीटा। आरोप है कि चिराग की शक्ति का दुरुपयोग कर चंद्र प्रकाश पांडे और वेद प्रकाश पांडे इस तरह उन्हें मानसिक प्रताड़ना दे रहे हैं। पायल मोदी ने चंद्र प्रकाश पांडे को चिराग पासवान का बहनोई बताया तो सवाल उठा कि दुनिया उनके तीन बहनोई को ही जानती है, फिर यह चौथे और खासकर पासवान परिवार में यह ‘पांडे’ कौन हैं? ‘अमर उजाला’ ने इसे समझने के लिए स्व. राम विलास पासवान के पूरे परिवार का विवरण निकाला।
केंद्रीय राजनीति में दखल वाला सबसे बड़ा परिवार
पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत राम विलास पासवान का परिवार बिहार का दूसरा सबसे बड़ा राजनीतिक परिवार है। इसे पहला कहें तो भी गलत नहीं होगा, क्योंकि राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के परिवार में एक साथ एक समय कई सांसद नहीं रहे, लेकिन पासवान परिवार में एक साथ दो-तीन सांसद रहे हैं। इस समय खुद चिराग पासवान सांसद व केंद्रीय मंत्री हैं तो उनके एक जीजा सांसद हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले स्व. राम विलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस सांसद थे। केंद्रीय मंत्री भी। चिराग पासवान तब भी सांसद थे। चिराग के चचेरे भाई प्रिंस राज भी सांसद थे। मतलब, केंद्रीय राजनीति में दखल रखने वाला बिहार का सबसे बड़ा राजनीतिक परिवार तो यह है ही।
राम विलास पासवान के तीन दामाद को दुनिया जानती है
2024 के लोकसभा चुनाव में चिराग के एक जीजा जी अचानक चर्चित हुए। यह चिराग की सहोदर बहन निशा पासवान के पति अरुण भारती हैं। अरुण भारती राजनीति में आए और सांसद बने। चिराग अभी अविवाहित हैं। उनके दिवंगत पिता राम विलास पासवान ने दो शादियां की थीं। पहली पत्नी राजकुमारी देवी (विवाह- 1960) हैं और दूसरी रीना पासवान (विवाह- 1983)। राजकुमारी ग्रामीण परिवेश की महिला रह गईं और शुरूआती साथ के बाद से आजीवन किनारे ही रहीं। एयर होस्टेस रहीं रीना पासवान शादी के बाद से पासवान की जीवनसाथी बनी रहीं।
पहली पत्नी राजकुमारी देवी से दो बेटियां हैं- उषा और आशा। इन दोनों के पति को दुनिया पहले से जानती थी। उषा पासवान के पति धनंजय कुमार उर्फ मृणाल पासवान विधायक परिवार से नाता रखते हैं और लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं। अब उनके बड़े बेटे प्रिंस मृणाल राजनीति में आ चुके हैं। आशा पासवान के पति अनिल कुमार साधु उर्फ साधु पासवान भी राजनीति परिवार से हैं। उनके पिता पुनीत राय पटना की फतुहा विधानसभा सीट से लगातार चार बार विधायक रहे थे। पारिवारिक पृष्ठभूमि के हिसाब से अनिल कुमार साधु राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से जुड़े थे, लेकिन अपनी राजनीति की शुरूआत ससुर स्व. राम विलास पासवान की पार्टी के साथ की थी। बाद में जब पार्टी की बागडोर पूरी तरह से चिराग पासवान ने संभाल ली तो वह राजद में चले गए। आज वह राजद के प्रतिष्ठित नेता हैं। स्व. राम विलास पासवान के तीसरे दामाद उनकी दूसरी पत्नी रीना पासवान की बेटी निशा पासवान के पति अरुण भारती हैं। अरुण इस चुनाव में जमुई से सांसद बने हैं।
भाइयों पर ज्यादा ध्यान देते थे राम विलास पासवान
दिवंगत राम विलास पासवान ने अपनी पहली पत्नी राजकुमारी देवी, दूसरी पत्नी रीना पासवान या इन दोनों से हुए चारों बच्चों से ज्यादा ध्यान अपने जीवनकाल में अपने भाइयों पर दिया था। अपने भाई पशुपति कुमार पारस और रामचंद्र पासवान को वह हमेशा अपने साथ लेकर चलते थे। पारस को वह मैनेजर और रामचंद्र को बेटा कहते थे। पशुपति कुमार पारस बिहार में विधायक भी रहे, राज्य में मंत्री भी और बड़े भाई की छोड़ी सीट हाजीपुर से सांसद बनकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री भी। पशुपति पारस ने भतीजे चिराग पासवान से लड़ाई में केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ने से पहले दिवंगत राम विलास पासवान की बनाई लोक जनशक्ति पार्टी को दो फाड़ करा एक गुट (लोजपा- राष्ट्रीय) संभाल लिया था। चिराग पासवान (लोजपा- रामविलास) का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में महत्व बढ़ा तो पारस ने केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ राष्ट्रीय जनता दल से आस लगाई। लोकसभा चुनाव में वह आस पूरी नहीं हुई और अब बिहार विधानसभा चुनाव में भी वह उसी तरफ देख रहे हैं।
अब जानिए, पासवान परिवार में चंद्र प्रकाश पांडे कौन हैं?
दिवंगत राम विलास पासवान के जीवित रहते ही उनके सबसे छोटे भाई रामचंद्र पासवान का निधन हो गया। वह लगातार सांसद बन रहे थे। उनके निधन के बाद खाली हुई सीट पर उनके छोटे बेटे प्रिंस राज सांसद बने। बड़े बेटे कृष्ण राज ने भी राजनीति में दांव आजमाया, लेकिन सफल नहीं रहे। कृष्ण राज की शादी हो चुकी है, जबकि प्रिंस अविवाहित हैं। लोजपा में टूट पर प्रिंस राज अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के गुट में चले गए थे। चचेरे भाई चिराग पासवान का साथ छोड़ने के कारण इस बार उन्हें राजग से भी मौका नहीं मिला और राजद से भी आस पूरी नहीं हुई। रामचंद्र पासवान की दो बेटियां हैं। इनमें ईशा के पति डॉक्टर आनंद हैं और रितु पासवान के पति चंद्र प्रकाश पांडेय।
पारस गुट के प्रिंस राज के बहनाई, मगर चिराग के साथी… क्यों?
स्व. रामचंद्र पासवान के दामाद चंद्र प्रकाश पांडेय केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के मित्र रहे हैं। चंद्र प्रकाश के अपने साले प्रिंस राज भले चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ चले गए, लेकिन मित्र और चचेरे साले चिराग पासवान के वह अब भी करीबी माने जाते हैं। यहां यह बात भी ध्यान देने लायक है कि चाचा के दामाद और अपने मित्र चंद्र प्रकाश पांडेय को लेकर चिराग पासवान कभी बहुत संजीदगी दिखाते हुए नजर नहीं आए हैं कि बिहार में उनके नाम की चर्चा भी हो। चिराग के करीबी कहते हैं कि मंत्रियों के करीब होने के नाम पर जैसे बाकी लोग अपना नंबर बढ़ाते हैं, वैसे ही चंद्र प्रकाश पांडेय ने बढ़ाया होगा। चंद्र प्रकाश के कहने पर चिराग पासवान ने पायल मोदी की कंपनी पर ईओयू या ईडी का छापा डलवा दिया होगा- यह मानना संभव नहीं है। यह जांच का विषय इसलिए भी है क्योंकि खुद पायल मोदी के पति किशन मोदी ने कहा है कि चिराग पासवान को उनके रिश्तेदार बदनाम कर रहे हैं।