TIO, नई दिल्ली।

दिल्ली शराब घोटाले मामले में ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के कई नेताओं पर शिकंजा कसा है। अब इस मामले पर आम आदमी पार्टी ने ईडी को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि इससे पहले भी एजेंसी ने ऐसे झूठे बयान जारी किए हैं, जिससे पता चला है कि ये एक निष्पक्ष जांच एजेंसी बनने के बजाए बीजेपी की राजनीतिक इकाई के तौर पर काम कर रही है।

आम आदमी पार्टी ने कहा कि हर दिन मीडिया में सनसनी पैदा कर ये अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की छवि धूमिल करने का प्रयास है। ईडी के हालिया बयान में कोई नया तथ्य या साक्ष्य सामने नहीं रखा गया। इससे ईडी की हताशा का पता चलता है कि वे इस मामले में एक भी सबूत पेश नहीं कर पाई है जबकि 500 से अधिक छापेमारी कर चुकी है और हजारों गवाहों से पूछताछ कर रही है।

पार्टी ने कहा कि यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी ईडी के इस दावे को खारिज कर दिया कि इस मामले में 100 करोड़ रुपये का लेन-देन नहीं है। पूरी दुनिया जानती है कि ये पूरा मामला फर्जी है और अब तक इसमें एक भी सबूत पेश नहीं किया जा सका है। बीते दो सालों में ईडी इस मामले से जुड़ी रकम का पता लगाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने मनीष सिसोदिया सहित आम आदमी पार्टी के कई नेताओं के घर पर छापेमारी की लेकिन एक रुपया नहीं मिला। लेकिन अब हमें पता चला है कि लगभग जितनी भी कंपनियों ने बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड दिया है, उन पर पहले ईडी ने छापेमारी की थी।

सीएम केजरीवाल को कब-कब जारी हुए समन
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले से संबंधित केस में भी ईडी का सामना कर रहे हैं। एजेंसी इस केस में उन्हें 9वीं बार समन भेज चुकी है और 21 मार्च को पेश होने के लिए कहा है। केंद्रीय एजेंसी ने इस केस में सीएम को 21 नवंबर, 3 जनवरी, 18 जनवरी, 2 फरवरी, 19 फरवरी, 26 फरवरी और 4 मार्च को समन जारी किया था।

ईडी समन के उल्लंघन मामले में मिली जमानत
इससे पहले सीएम अरविंद केजरीवाल शनिवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट ने उन्हें केंद्रीय एजेंसी की शिकायत पर नोटिस जारी किया था। शिकायत पर एक सुनवाई के लिए केजरीवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बेंच के सामने पेश हुए थे, लेकिन दूसरी सुनवाई के लिए कोर्ट ने उन्हें अदालत में मौजूद रहने को कहा था। मसलन, अदालत ने यह मानते हुए कि सीएम के खिलाफ लगाए गए आरोप जमानती हैं, उन्हें कुल 50 हजार रुपये के दो अलग-अलग बॉन्ड पर जमानत दे दी थी।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER