TIO, नई दिल्ली
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने इंडोनेशिया में एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 ने लंबे समय से जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से अलग मानने की धारणा बनाई हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर से अनुच्छेद को निरस्त करने के साथ ही यह धारणा समाप्त हो गई है। अनुच्छेद 370 ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था।
अलग पहचान की भावना को बड़ी समस्या बताते हुए सलमान खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से हुए सकारात्मक परिणामों पर बात की। उन्होंने केंद्रशासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में 65 फीसदी मतदाताओं की भागीदारी का भी जिक्र किया। उन्होंने इस क्षेत्र में उभरी समृद्धि की ओर इशारा करते हुए इन घटनाक्रमों को पलटने के किसी भी प्रयास के खिलाफ पुरजोर तरीके से आवाज उठाई।
उन्होंने कहा, ‘कश्मीर में लंबे समय से एक बड़ी समस्या थी। इसका अधिकांश हिस्सा संविधान के अनुच्छेद 370 में सरकार की सोच में परिलक्षित होता था, जिससे किसी तरह यह धारणा बनती थी कि यह देश के बाकी हिस्सों से अलग है, लेकिन अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया और अंततः इस धारणा को समाप्त कर दिया गया।
‘सकारात्मक बदलाव आए हैं और समृद्धि बढ़ी है’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता के मुताबिक, अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के फैसले से क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आए हैं और समृद्धि बढ़ी है। इंडोनेशियाई थिंक टैंक और शिक्षाविदों के सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘इसके बाद चुनाव हुए और 65 प्रतिशत लोगों ने चुनाव में हिस्सा लिया। आज कश्मीर में एक निर्वाचित सरकार है। पहलगाम में जो कुछ भी हुआ या यहां जो भी आतंकी घटनाएं हो रही हैं, उससे हालात पहले जैसे करने की कोशिश की जा रही है। कश्मीर में जो समृद्धि आई है, उसे वापस गुम करने की कोशिश की जा रही है।
संजय कुमार झा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा
पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद जेडीयू सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। प्रतिनिधिमंडल इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर का दौरा कर रहा है, ताकि ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की स्थिति के बारे में देशों को जानकारी दी जा सके।
मच सकता है सियासी बवाल
उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर सरकार में कांग्रेस एक सहयोगी है। उमर ने पिछले साल सितंबर में सत्ता संभालने के तुरंत बाद विधानसभा में अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था। भाजपा ने इस कदम का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं किया जाएगा, भले ही इंदिरा गांधी स्वर्ग से वापस आ जाएं। कांग्रेस पार्टी ने शुरू में मोदी सरकार के फैसले का विरोध किया था। उन्होंने बाद में स्वीकार किया कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर बहस सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कानूनी रूप से सुलझ गई है। कोर्ट ने केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था।