TIO, नई दिल्ली।

भारत में ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करना एक बोझिल प्रक्रिया है। क्योंकि आवेदक को कई फॉर्म भरने होते हैं और कई प्राधिकरणों से संपर्क करना होता है। ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया की ये जटिलताएं भी सिस्टम में भ्रष्टाचार के दायरे को बढ़ावा देती हैं। जो आखिरकार भारत में सड़क सुरक्षा को प्रभावित करती हैं। ऐसी कमियों से निपटने के लिए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारत में नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। जो ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने की प्रक्रिया को काफी सरल कर देंगे। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भारत में ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के लिए नए नियमों का एलान किया है। 1 जून से नियमों में होने वाले प्रमुख बदलाव ये हैं –

आवेदकों के पास अपने नजदीकी केंद्र पर ड्राइविंग टेस्ट देने का आॅपशन होगा। न कि मौजूदा प्रथा के मुताबिक, संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में परीक्षा देने का। सरकार निजी क्षेत्र के उन संस्थानों को प्रमाणपत्र जारी करेगी जो ड्राइविंग टेस्ट आयोजित करने के लिए अधिकृत होंगे।

बिना वैध लाइसेंस के वाहन चलाने का जुर्माना अब सख्त कर दिया गया है. जिसमें 1,000 रुपये से 2,000 रुपये तक का जुमार्ना शामिल है। इसके अलावा, यदि किसी नाबालिग को वाहन चलाते हुए पाया जाता है। तो उसके माता-पिता के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। और 25,000 रुपये का भारी जुमार्ना लगाया जाएगा। साथ ही वाहन का पंजीकरण प्रमाणपत्र भी रद्द कर दिया जाएगा। ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के लिए जरूरी दस्तावेजों को भी विशिष्ट आवश्यकताओं के साथ सुव्यवस्थित किया गया है। इसका मतलब है कि मंत्रालय आवेदकों को पहले से सूचित करेगा कि जिस तरह का लाइसेंस वे हासिल करना चाहते हैं, उसके लिए किन विशिष्ट दस्तावेजों की जरूरत है।

भारत की सड़कों को पर्यावरण के लिए ज्यादा अनुकूल बनाने के लिए, मंत्रालय 9,000 पुराने सरकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने और अन्य वाहनों के उत्सर्जन मानकों को सुधारने के तरीकों पर विचार कर रहा है। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन प्रक्रिया पहले की तरह ही रहेगी। आवेदक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आॅनलाइन आवेदन जमा कर सकते हैं। हालांकि, वे मैनुअल प्रक्रिया के जरिए आवेदन जमा करने के लिए अपने संबंधित आरटीओ पर भी जा सकते हैं।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER