TIO, नई दिल्ली।

भारतीय रिजर्व बैंक की 51वीं एमपीसी बैठक के नतीजे आ गए हैं। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास दो दिवसीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों का ऐलान करते हुए कहा कि इस बार भी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यानी आपके लोन की ईएमआई न बढ़ेगी और न ही घटने वाली है। ये लगातार 10वीं बार है जबकि रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इसके बाद रेपो रेट 6.50% पर बरकरार है। जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर और बैंक रेट 6.75% पर स्थिर रखा गया है।

6 में से 5 सदस्य बदलाव के पक्ष में नहीं
आरबीआई गवर्नर ने 7 अक्टूबर को शुरू हुई एमपीसी मीट में लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए कहा कि इस बार एमपीसी में 3 नए सदस्य जुड़े हैं और ग्लोबल हालातों समेत अन्य पहलुओं पर विचार करने के बाद बैठक के दौरान 6 में से 5 सदस्यों ने ब्याज दरों को यथावत रखने पर अपना वोट दिया। इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर ने कहा कि पॉलिसी का रुख विद्ड्रॉल आॅफ अकमॉन्डेशन से चेंज करते हुए अब न्यूट्रल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर बने उतार-चढ़ाव भरे हालातों के बावजूद देश में महंगाई को काबू में रखने में हम कामयाब रहे हैं और इसके साथ ही ईकोनामिक ग्रोथ को भी गति मिली है।

आरबीआई की एमपीसी की बैठक हर दो महीने में होती है और इसमें शामिल रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास समेत छह सदस्य महंगाई समेत अन्य मुद्दों और बदलावों पर चर्चा करते हैं। यहां बता दें कि रेपो रेट का सीधा कनेक्शन बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों से होता है। इसके कम होने से लोन की ईएमआई घट जाती है और इसमें इजाफा होने से ये बढ़ जाती है। दरअसल, रेपो रेट वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की किसी भी कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है। रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा इंफ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।

जब लगातार बढ़ाया गया था रेपो रेट
रेपो रेट फिलहाल 6.5 फीसदी पर बना हुआ है। इससे पहले जब देश में महंगाई बेकाबू हो गई थी और 7 फीसदी के पार पहुंच गई थी। तब इसे काबू में लाने के लिए आरआई ने लगातार रेपो रेट बढ़ाया था। इसमें मई 2022 से फरवरी 2023 तक कई बार बढ़ोतरी की गई थी और ये 2.5 फीसदी बढ़ा था। हालांकि, इसके बाद से ही केंद्रीय बैंक की ओर से किसी भी तरह का कोई बदलाव रेपो रेट में नहीं किया गया था।

जीडीपी को लेकर आरबीआई का अनुमान
एमपीसी बैठक के नतीजों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने FY2025 की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी अनुमान 7.2 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी करने का ऐलान किया, तो वहीं तीसरी तिमाही के लिए ये 7.3 फीसदी से बढ़ाकर 7.4 फीसदी करने की जानकारी दी है। चौथी तिमाही के लिए भी जीडीपी ग्रोथ रेट को पहले के 7.2 फीसदी से बढ़ाकर 7.4 फीसदी किया गया है। इसके अलावा आरबीआई ने अगले साल 2026 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी 7.3 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद जाहिर की है।

महंगाई को लेकर गवर्नर ने क्या कहा?
रेपो रेट को लगातार 10वीं बार स्थिर रखने के ऐलान के साथ ही रिजर्व बैंक के गवर्नर ने एफवाई 25 के लिए रिटेल महंगाई के अनुमान के बारे में भी बताया और कहा कि ये 4.5 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। क्यू2 के लिए अनुमान 4.1 फीसदी, क्यू3 के लिए 4.8 फीसदी और क्यू 4 के लिए 4.2 फीसदी रखा गया है। वहीं अगले साल की पहली तिमाही में ये 4.3 फीसदी रहने का अनुमान है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER