अयोध्या। मकर संक्रांति पर्व से राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े अनुष्ठान, यम, नियम और संयम की भी शुरूआत हो जाएगी। आठ दिन तक सभी 11 यजमान 45 नियमों का पालन करते हुए कठिन तपस्या से गुजरेंगे। इसमें प्रायश्चित, गोदान, दशविध स्नान, प्रायश्चित क्षौर और पंचगव्यप्राशन भी किया जाएगा।
इन नियमों का पालन करते हुए यजमान दंपती इस अनूठे धार्मिक अनुष्ठान को संपन्न कराने योग्य बनेंगे। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही यजमानों का संकल्प और अनुष्ठान भी पूर्ण होगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 11 दंपती बतौर यजमान शामिल होंगे। सोमवार को सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही प्रथम स्नान कर सभी यजमान आठ दिवसीय अनुष्ठान का संकल्प लेंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से सभी यजमानों को 45 विधि-विधान और नियमावली उपलब्ध कराई गई है।
अनवरत जपना होगा राम का नाम
ट्रस्ट पदाधिकारी ने बताया कि यजमानों को आठ दिनों तक 45 नियमों का सख्ती से पालन करने का संकल्प दिलाया जाएगा। नियमित पूजन, संध्या के साथ ही आहार-विहार सात्विक रखते हुए अनवरत राम-नाम का जप करना होगा।
वैदिक परंपरा का पालन
ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज ने यजमानों के लिए नियमों के बारे में काशी के विद्वान पं. गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ से सलाह मांगी थी। 22 जनवरी को 84 सेकंड के अभिजीत मुहूर्त में होने वाले समारोह में पूरी तरह से सनातनी व वैदिक परंपराओं का पालन होगा।