TIO, नई दिल्ली।

दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मंत्रिपद से इस्तीफा भेज दिया। इस्तीफा पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को गुरुवार को मिल गया। पत्र में राजकुमार ने आप सरकार पर भ्रष्टाचार और दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है।

उन्होंने पत्र में लिखा कि आम आदमी पार्टी का जन्म ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से हुआ है, लेकिन अब आप सरकार के मुख्यमंत्री, दो पूर्व मंत्री जेल में हैं। सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। ऐसे में मंत्री पद पर रहकर इस सरकार में काम करना असहज हो गया है। इसके अलावा सरकार दलित, आरक्षण और बाबा साहेब के विचारों की विरोधी है। कारोबारी से राजनीति में आए राजकुमार आनंद की गिनती सफल रैक्सीन लेदर व्यवसायी में होती है। पिछले साल दो नंबर को उनके आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रेड पड़ी थी।

दिल्ली में करीब 12 परिसरों पर छापे मारे गए थे। बताया गया था कि यह तलाशी राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की शिकायत पर हुई थी। ऐसा बताया जा रहा था कि एक पुराने मामले में जांच चल रही थी। जांच एजेंसियों ने उन पर हवाला से लेनदेन में शामिल होने का भी शक जाहिर किया था। इसके अलावा सीमा शुल्क मामले से भी जोड़कर जांच चल रही थी। ऐसी जानकारी मिली थी कि सात करोड़ रुपये से अधिक की सीमा शुल्क चोरी और अंतरराष्ट्रीय हवाला लेनदेन के लिए आयात पर झूठी घोषणाओं का आरोप लगाया गया था।

कोर्ट ने इस शिकायत पर संज्ञान लिया था। करीब बताते हैं कि अलीगढ़ के ताले की फैक्टरी में बाल मजदूरी कर आगे बढ़े। ट्यूशन पढ़ा कर शिक्षा हासिल की। रैक्सीन लेदर के एक सफल व्यवसायी बने। साल 2011 में इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन में शामिल हुए। फिर आम आदमी पार्टी के सदस्य बने। पहले पत्नी चुनाव लड़ी और साल 2020 में पटेल नगर से विधायक चुने गए।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER