TIO, जयपुर

राजस्थान के बजट में पहली बार ग्रीन बजट का कॉन्सेप्ट भी देखने को मिलेगा। किसान आंदोलन के दौरान पिछली गहलोत सरकार ने आम बजट के साथ अलग से एग्रीकल्चर बजट भी पेश करने की परिपाटी शुरू की थी। इस बार भजनलाल सरकार प्रदेश के बजट के साथ पहली बार ग्रीन बजट पेश करेगी। इसकी तैयारी भी की जा चुकी है।

क्या होगा ग्रीन बजट में
पर्यावरण को सहेजने और सुरक्षित रखने के उद्देश्य से यह ग्रीन बजट तैयार किया जा रहा है। सभी विभागों को इस दिशा में काम करने के लिए निर्देश दिए जाएंगे। चाहे सड़क बनाने का काम हो, भवन बनाना हो या फिर जल संरक्षण का मुद्दा हो, इन सभी कामों में अब ग्रीन कॉन्सेप्ट शामिल होगा, जिससे निर्माण कार्यों में पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचे।

नई सड़कों की जगह पुरानी सड़कों की मरम्मत पर रहेगा फोकस
सरकारें ज्यादातर बजट में लोकलुभावन घोषणाओं के तहत नई सड़कों का ऐलान करती है। लेकिन इस बार ग्रीन बजट में नई सड़कों की घोषणाओं की जगह पुरानी सड़कों की मरम्मत पर पैसा खर्च किया जा सकता है। इससे खर्च भी बचेगा और सड़क तंत्र भी मजबूत रहेगा।

मुफ्त की रेवड़ी से परहेज
फ्री-बीज यानी बजट में मुफ्त की रेवड़ी बांटने का चलन हमेशा विवादों में रहा है। जो सरकार यह देती है उसे सामाजिक जरूरत बताती है वहीं बीजेपी इस कल्चर का विरोध करती आई है। इसलिए आने वाले बजट में सरकार इस तरह की घोषणाओं से परहेज कर सकती है।

बजट मुख्य का फोकस तीन सेक्टर्स पर
बजट का फोकस मुख्य रूप से तीन सेक्टर्स पर रह सकता है। युवा, महिला और किसान। युवाओं के लिए बजट में नई नौकरियों का एलान हो सकता है। वहीं महिलाओं के लिए आंगनबाड़ी मानदेय बढ़ाने जैसे कुछ एलान संभव हैं। किसानों के लिए बजट में सोलर सब्सिडी का ऐलान हो सकता है।

2 महीने से तैयारी में जुटी टीम
वित्त विभाग के अफसरों की टीम बीते 2 महीने से बजट तैयार करने में जुटी थी। वित्त विभाग की बजट तैयार करने वाली टीम के अफसरों अतरिक्त मुख्य सचिव अखिल अरोड़ा, वित्त बजट विभाग के प्रमुख सचिव देबाशीष पृष्टि, वित्त व्यय विभाग के सचिव नवीन जैन व वित्त राजस्व विभाग के सचिव कुमार पाल गौतम शामिल हैं।

वित्त मंत्री दीया कुमारी 19 फरवरी को विधानसभा में भजनलाल सरकार के कार्यकाल का दूसरा बजट पढ़ेंगी। बजट तैयार करने के लिए वित्त विभाग के स्तर पर बजट फाइनलाइजेश कमेटियों की बैठकें ली गईं। इनमें संबंधित विभागों से आने वाले बजट के प्रस्ताव और पिछले बजट में खर्च का ब्योरा मांगा जाता है। इसके अलावा बजट में सुझावों को लेकर विभिन्न सामाजिक, व्यापारिक संगठनों के साथ, युवा और महिला संगठनों की भी मुख्यमंत्री के स्तर पर बैठकें ली जा चुकी हैं।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER