TIO, मुंबई।

महाराष्ट्र के पुणे में पोर्श कार एक्सीडेंट मामले में रिएल स्टेट कारोबारी अग्रवाल परिवार चर्चा में है। अब नया चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पता चला है कि अग्रवाल परिवार के लिए कानून से खिलवाड़ करना कोई नई बात नहीं है। इसके साथ ही इस परिवार का अंडरवर्ल्ड कनेक्शन भी सामने आया है। आरोपी नाबालिग के दादा सुरेंद्र कुमार अग्रवाल ने अपने भाई से संपत्ति विवाद में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की मदद ली थी। राजन के गुर्गे ने गोलीबारी भी की थी। इस मामले में हत्या की कोशिश की एफआईआर दर्ज हुई थी। पहले पुलिस ने जांच की। बाद में सीबीआई को मामला सौंपा गया। यह केस कोर्ट में विचाराधीन है।

बता दें कि पुणे में 17 साल के लड़के ने तीन दिन पहले शराब के नशे में अपनी पोर्शे कार से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था। हादसे में दोनों (लड़का-लड़की) की मौत हो गई थी। मरने वालों की पहचान अनीश अवधिया (24 साल) और अश्विनी कोष्टा (24 साल) के रूप में हुई है। दोनों मध्य प्रदेश के रहने वाले थे और पुणे में काम करते थे। इस मामले में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने कुछ शर्तों के साथ आरोपी नाबालिग को रिहा कर दिया। बाद में पुलिस ने आरोपी नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल को छत्रपति संभाजीनगर से गिरफ्तार किया है।

हत्या की कोशिश मामले में फंसे हैं एसके अग्रवाल
विशाल अग्रवाल पुणे के जाने-माने रियल एस्टेट कारोबारी हैं। विशाल के पिता सुरेंद्र कुमार अग्रवाल (आरोपी के दादा) ने अपने भाई आरके अग्रवाल से कुछ संपत्तियों को लेकर विवाद में छोटा राजन से हाथ मिलाया था और मदद मांगी थी। इसी विवाद को लेकर सुरेंद्र के खिलाफ बंड गार्डन पुलिस स्टेशन में अजय भोसले नाम के शख्स की हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि सुरेंद्र ने सुपारी देकर कुछ गुर्गों को भेजा, जिन्होंने आरके अग्रवाल के दोस्त अजय भोसले पर गोली चलाई। इस घटना में भोसले का ड्राइवर भी घायल हो गया था। यह मामला मुंबई के सत्र अदालत में विचाराधीन है।

संपत्ति विवाद को लेकर छोटा राजन से मिलाया था हाथ
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सूत्रों के मुताबिक, आरोपी नाबालिग के दादा एसके अग्रवाल उर्फ सुरेंद्र कुमार अग्रवाल फिलहाल मुंबई सत्र अदालत में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। आरोप है कि एसके अग्रवाल का कथित तौर पर कुछ संपत्तियों को लेकर अपने भाई आरके अग्रवाल के साथ विवाद था। इसे निपटाने के लिए सुरेंद्र ने छोटा राजन से हाथ मिलाया था। इतना ही नहीं, आरोप है कि इस संबंध में सुरेंद्र कुमार अग्रवाल ने छोटा राजन के गुर्गे विजय पुरूषोत्तम साल्वी उर्फ विजय तांबट से बैंकॉक में जाकर मुलाकात की थी।

छोटा राजन और अग्रवाल के खिलाफ चल रहा है केस
अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के खिलाफ सभी मामलों को कंसोलिडेटेड किया गया है और उनकी जांच सीबीआई द्वारा की गई है। सभी मामलों की सुनवाई के लिए मुंबई में एक विशेष ट्रायल कोर्ट को नामित किया गया है। पुणे के इस मामले में भी 2021 से एसके अग्रवाल और राजन समेत अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाया जा रहा है।

पुलिस कार्रवाई पर उठते रहे सवाल
पहले इस मामले की जांच पुणे पुलिस के पास थी। बाद में इसे सीबीआई को सौंप दिया गया। मामला आपराधिक साजिश, हत्या के प्रयास समेत अन्य गंभीर धाराओं में दर्ज किया गया था। शस्त्र अधिनियम की कुछ धाराएं भी लगाई गई हैं। हालांकि इस मामले की जांच के बारे में जानने वाले लोग आश्चर्य जताते हैं कि छोटा राजन और उसके गुर्गों पर संगठित अपराध सिंडिकेट की संलिप्तता के बावजूद पुणे पुलिस ने कभी भी महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत एक्शन नहीं लिया।

मामले में कोर्ट में चल रही है गवाही
जांचकर्ताओं का कहना है कि एसके अग्रवाल को भी चार्जशीट दाखिल होने तक कभी गिरफ्तार नहीं किया गया। मामले में भारतीय दंड संहिता की सामान्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। मामले को अच्छी तरह से जानने वाले कुछ वरिष्ठ जांचकर्ताओं का यह भी आरोप है कि इस मामले में पुणे पुलिस द्वारा जानबूझकर गंभीर खामियां रखी गईं। फिलहाल, मामले में एसके अग्रवाल जमानत पर हैं और 6 मई को ट्रायल में शामिल हुए थे। मामले में कुछ महत्वपूर्ण गवाहों की गवाही चल रही है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER