TIO, पन्ना।
नए साल का आगाज होने में आ एक हफ्ते का ही समय बचा है। इससे पहले पर्यटकों ने पिकनिक स्पॉट पर पहुचकर नए साल का जश्न मनाने की तैयारी शुरू कर दी है। देश दुनिया में बाघों के लिए विख्यात पन्ना टाइगर रिजर्व पर्यटकों की पहली पसंद है। लेकिन इस बार नए साल के पहले 3 दिनों में मड़ला हिनौता एवं अकोला कोर गेट से पर्यटकों की इंट्री फुल हो गई है। पार्क में बाघों की चहल कदमी के चलते लोगों ने महीनों पहले ही अपनी टिकट बुक करा ली थी। हालाकि पन्ना टाइगर रिजर्व के अकोला और झिन्ना टाइगर सफारी में लोगों के लिए अभी भी स्थान हैं। नए साल के पहले सभी जगह इंट्री फुल हो जायेगी।
बताया जाता कि इस वर्ष पन्ना टाइगर रिजर्व घूमने के लिए और अपने नए साल की शुरूआत करने के लिए पर्यटक में भारी उत्साह देखा जा रहा है। आॅनलाइन भी पूरी टिकिट हाउसफुल चल रही है। टाइगर रिजर्व के अलावा पाण्डव फाल, केरवन फाल, वृहस्पति कुण्ड, सारंग मंदिर, जुगलकिशोर जी मंदिर, प्राणनाथ जी मंदिर, बल्देव जी मंदिर, मदार साहब बाबा मजार, सिल्वर फाल, मां कलेही माता मंदिर पवई, चैमुखनाथ मंदिर सलेहा, अजयगढ़ किला सहित जिले के कई पर्यटक स्थलों में लोगों की खासी भीड़ होने की संभावना है।
भीड़ के लिए किए भारी सुरक्षा इंतजाम
पवई और अजयगढ़ में हर साल होने वाली भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा के इंतेजाम भी किए गए हैं। भले ही पन्ना को पर्यटक नगरी के रूप में वह पहचान न मिली हो, जिसका सभी को इंतेजार है, लेकिन स्थानीय सैलानियों के चलते पन्ना के पर्यटक स्थलों में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों के अलावा जिले में ऐसे अनेकों में प्राकृतिक मनोरम स्थल हैं, जहां की सुंदरता को निहारने लोग खुद ब खुद पहुंच जाते हैं। ऐसे में नए साल के आगाज के लिए पन्ना तैयार है।
अजयगढ़ और पवई में होगी खासी भीड़
नव वर्ष पर पवई के प्रसिद्ध प्राचीन सिद्ध स्थल हनुमान भाटा एवं मां कलेही देवी मन्दिर में कई वर्षों से एक दिवसीय मेले का आयोजन होता रहा है। इस वर्ष भी मेले का आयोजन होना है। जिसको लेकर तैयारियां की जा चुकीं है। नव वर्ष को यातायात व्यवस्था में रूट प्लान वाहन पार्किंग, बिजली व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इसी के साथ ही जिले के अजयगढ़ किले में भी प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में लोग नया साल मनाने आते हैं। ऐसे में यहां भी खासी भीड़ होने की आशंका को लेकर सुरक्षा के इंतेजाम किए गए हैं। इसी तरह अजयगढ़ के अजयपाल किले में भी बढ़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।