TIO, भुवनेश्वर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक बार फिर डिजिटल धोखाधड़ी और साइबर अपराध को लेकर चिंता जाहिर की। प्रधानमंत्री पहले भी इसे लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं। रविवार को ओडिशा के भुवनेश्वर में डायरेक्टर जनरल आॅफ पुलिस/इंस्पेक्टर जनरल आॅफ पुलिस के 59वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि साइबर अपराध और डिजिटल अरेस्ट और डीपफेक जैसे अपराधों का सामाजिक और पारिवारिक जीवन पर गंभीर असर पड़ेगा।

आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद पर भी हुई चर्चा
प्रधानमंत्री ने पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के सम्मेलन में पुलिस के कामकाज में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाने और पुलिस कॉन्सटेबल पर काम का बोझ कम करने की सलाह दी। पीएम मोदी ने कहा कि पुलिस थाने संसाधनों के आवंटन का केंद्र बिंदु होने चाहिए। आधिकारिक बयान के अनुसार, सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश, म्यांमार सीमा पर उभरती सुरक्षा चिंताओं, शहरी पुलिसिंग और सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट का मुकाबला करने की रणनीति पर चर्चा हुई। साथ ही आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद, साइबर अपराध, आर्थिक सुरक्षा, आव्रजन, तटीय सुरक्षा और नार्को-तस्करी सहित राष्ट्रीय सुरक्षा की उभरती चुनौतियों पर भी गहन विचार विमर्श हुआ।

तकनीक की चुनौतियों को अवसरों में बदलने का आह्वान
सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने डिजिटल धोखाधड़ी, साइबर अपराध और एआई तकनीक से पैदा हुए खतरों के प्रति भी आगाह किया और कृत्रिम बुद्धिमता का इस्तेमाल करते हुए चुनौतियों को अवसर में बदलने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने शहरी पुलिस व्यवस्था में उठाए गए कदमों की सराहना की और साथ ही सुझाव दिया कि प्रत्येक पहल को 100 शहरों में एकसाथ लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने स्मार्ट पुलिस व्यवस्था बनाने पर जोर दिया और पुलिस से रणनीतिक, सावधानीपूर्वक, अनुकूलनीय, विश्वसनीय और पारदर्शी बनने का आह्वान किया। स्मार्ट पुलिस व्यवस्था का विचार प्रधानमंत्री ने 2014 में गुवाहाटी में आयोजित सम्मेलन में पेश किया था। इसमें भारतीय पुलिस को सख्त और संवेदनशील, आधुनिक और मोबाइल, सतर्क और जवाबदेह, विश्वसनीय और उत्तरदायी, तकनीक-प्रेमी और प्रशिक्षित (स्मार्ट) बनाने के लिए प्रणालीगत बदलावों की परिकल्पना की गई थी।

कुछ प्रमुख समस्याओं के समाधान में हैकाथॉन की सफलता पर चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पुलिस हैकाथॉन आयोजित करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने बंदरगाह सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने और इस उद्देश्य के लिए भविष्य की कार्य योजना तैयार करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने पुलिस से आधुनिक बनने और विकसित भारत के दृष्टिकोण के साथ खुद को फिर से जोड़ने का आग्रह किया।

2014 से दिल्ली से बाहर हो रहा ये सम्मेलन
तीन दिवसीय सम्मेलन में पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक स्तर के लगभग 250 अधिकारी शामिल हुए, जबकि 750 से अधिक अन्य ने वर्चुअली भाग लिया। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित अन्य लोग भी शामिल हुए। साल 2013 तक, वार्षिक बैठक नई दिल्ली में आयोजित की जाती थी। 2014 में, मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद, गृह मंत्रालय और खुफिया ब्यूरो द्वारा आयोजित कार्यक्रम को राष्ट्रीय राजधानी के बाहर आयोजित करने का निर्णय लिया गया। सम्मेलन 2014 में गुवाहाटी में, 2015 में कच्छ के रण के धोर्डो, 2018 में केवड़िया, 2019 में ककरएफ, पुणे, 2021 में पुलिस मुख्यालय, लखनऊ, 2023 में राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा, दिल्ली और जनवरी 2024 में जयपुर में आयोजित किया गया। इस परंपरा को जारी रखते हुए, इस बार सम्मेलन का आयोजन भुवनेश्वर में किया गया।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER