TIO, नई दिल्ली।
आधुनिकीकरण के युग में सत्ता का सिकंदर बनने के लिए राजनीतिक पार्टियां और उम्मीदवार भौतिक रूप से होने वाले चुनाव प्रचार से ज्यादा अब डिजिटल प्रचार-प्रसार पर जोर दे रहे हैं। यही वजह है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में ढोल-नगाड़ों की आवाज से ज्यादा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चुनाव प्रचार की हलचल देखने को मिल रही है। डिजिटल चुनाव प्रचार के सिलसिले में मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को बीते 29 मार्च से अब तक 279 आवेदन मिले हैं। इसमें सबसे ज्यादा आवेदन भाजपा ने दिए हैं। कांग्रेस दूसरे नंबर पर और आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि भाजपा ने अब तक सबसे अधिक 200 आवेदन दिए हैं। वहीं कांग्रेस ने 78 और आप ने सिर्फ एक आवेदन दिया है। आवेदन देने के 48 घंटे के भीतर एमसीएमसी) को स्वीकृति देनी होती है।
डिजिटल प्रचार सामग्री को चुनाव आयोग से कराना होता है प्रमाणित
डिजिटल चुनाव प्रचार के लिए वीडियो, रील, भाषण आदि प्रसारित करने से पहले चुनाव आयोग के एमसीएमसी से प्रमाणित कराना होता है। इसके लिए राजनीतिक दलों को आवेदन देना होता है। 48 घंटे के भीतर इसकी स्वीकृति दी जाती है। मौजूदा समय में जितने भी आवेदन प्राप्त हुए हैं उसमें से अधिकतर स्वीकृत हो चुके हैं।