TIO, नई दिल्ली।

संसद के मानसून सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज सावन का पहला सोमवार है। इस पावन दिन पर एक महत्वपूर्ण सत्र शुरू हो रहा है। मैं सावन के पहले सोमवार पर देशवासियों को शुभकामनाएं देता हूं। आज संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। आज पूरे देश की नजर इस पर है। देश बहुत बरीकी से देख रहा है कि संसद का ये सत्र सकारात्मक हो, सृजनात्मक हो और देशवासियों के सपनों को सिद्ध करने के लिए एक मजबूत नीव रखने वाला हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र की जो गौरव यात्रा है, उसमें ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में मैं देख रहा हूं। व्यक्तिगत रूप से मुझे और हमारे सभी साथियों के लिए भी ये अत्यंत गर्व का विषय है कि करीब 60 साल के बाद कोई सरकार तीसरी बार वापस आए और तीसरी पारी का पहला बजट रखें।

अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट
उन्होंने कहा कि कल हम जो बजट पेश करेंगे, वह अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट है। हमें पांच साल का जो अवसर मिला है, ये बजट हमारे उन पांच साल की दिशा तय करेगा। ये बजट 2047 के विकसित भारत के सपने मजबूत देने वाला होगा। हर देशवासी के लिए बड़े गर्व की बात है कि भारत बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला देश है। गत 3 वर्षों में लगातार 8 प्रतिशत ग्रोथ के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। आज भारत को लेकर सकारात्मकता बढ़ रही है, निवेश चरम पर है, ये अपने आप में भारत की विकास यात्रा का अहम पड़ाव है।

सभी सांसदों से किया खास अनुरोध
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं देश के सभी सांसदों से अनुरोध करना चाहता हूं कि गत जनवरी से लेकर अब तक हमें जितना संघर्ष करना था। किसी ने राह दिखाने का प्रयास किया। किसी ने गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन अब वो दौर खत्म हो चुका है, जनता ने अपना फैसला सुना दिया है। मैं सभी दलों से कहना चाहता हूं कि पार्टी लाइन से ऊपर उठकर देश के लिए खुद को समर्पित करें और संसद के इस गरिमामय मंच का अगले 4.5 साल तक उपयोग करें। जनवरी 2029 के चुनावी साल में आप कोई भी खेल खेल लें, लेकिन तब तक हमें किसानों, युवाओं और देश के सशक्तिकरण के लिए अपनी भागीदारी निभानी चाहिए।

‘हमें यहां देश के लिए भेजा है, दल के लिए नहीं’
प्रधानमंत्री ने कहा कि देशवासियों ने हमें यहां देश के लिए भेजा है, दल के लिए नहीं भेजा है। ये सदन दल के लिए नहीं, देश के लिए है। मुझे विश्वास है कि हमारे सभी सांसद पूरी तैयारी के साथ चर्चा को समृद्ध करें, कितने ही विरुद्ध विचार होंगे। देश को नकारात्मकता की जरूरत नहीं है बल्कि देश को प्रगति की विचारधारा से आगे बढ़ाना है। हम लोकतंत्र के इस मंदिर से भारत की सामान्य मानविकी की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER