TIO, नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सऊदी अरब की यात्रा पर हैं। यह दौरा सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर हो रहा है। प्रधानमंत्री 22 और 23 अप्रैल को जेद्दा शहर में होंगे। सऊदी अरब की उनकी यात्रा को लेकर भारतीय राजदूत सुहेल एजाज खान ने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जेद्दा आ रहे हैं। सदियों से, जेद्दा उमराह और हज के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए बंदरगाह रहा है। उन्होंने बताया कि यहां दोनों नेता, प्रधानमंत्री मोदी और क्राउन प्रिंस, सामरिक भागीदारी परिषद की बैठक की अध्यक्षता करने जा रहे हैं। इस यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे और उनका आदान-प्रदान किया जाएगा।
इससे पहले हाल ही में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पीएम की इस यात्रा की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत और सऊदी अरब के संबंधों के लिए बहुत अहम है। मिस्री ने कहा, सऊदी अरब इस्लामी दुनिया में एक प्रमुख आवाज है और वह अब क्षेत्रीय मामलों में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने यह भी कहा, प्रधानमंत्री मोदी और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच अच्छे और गर्मजोशी भरे संबंध हैं। इनकी आपसी समझ और उच्च स्तर की रणनीतिक सोच से दोनों देशों के संबंध और मजबूत हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा सऊदी अरब के जेद्दा शहर में होगी। इस दौरान प्रधानमंत्री की क्राउन प्रिंस से मुलाकात होगी। साथ ही, औपचारिक स्वागत समारोह और द्विपक्षीय वार्ता होगी। यात्रा के दौरान दोनों नेता ह्यभारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषदह्ण की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
पीएम मोदी का तीसरे कार्यकाल में पहला सऊदी दौरा
मिस्री ने बताया कि इस परिषद के दो मुख्य स्तंभ राजनीतिक और आर्थिक हैं, जिन्हें दोनों देशों के मंत्री संभालते हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी की तीसरे कार्यकाल में सऊदी अरब की पहली यात्रा होगी। इससे पहले वह 2016 और 2019 में वहां की यात्रा कर चुके हैं। यह यात्रा तब हो रही है, जब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सितंबर 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत का दौरा किया था। उसी समय रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक हुई थी।
कई समझौतों पर हो सकते हैं हस्ताक्षर
उन्होंने कहा, इस दौरे में दोनों देशों के बीच कई समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। समझौते अंतिम मंजूरी के चरण में हैं और यात्रा के दौरान पूरी जानकारी साझा की जाएगी। उन्होंने बताया कि करीब 27 लाख भारतीय सऊदी अरब में रहते और काम करते हैं। यह भारतीय प्रवासियों का दूसरा सबसे बड़ा समूह है। भारत और सऊदी अरब के बीच 1947 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। 2010 में दोनों देशों के संबंधों को ह्यरणनीतिक साझेदारीह्ण के स्तर पर बढ़ाया गया। तबसे दोनों देशों के बीच नियमित उच्च स्तरीय दौरे होते रहे हैं। साल 2024 की शुरूआत से अब तक भारत के 11 मंत्री सऊदी अरब दौरे पर जा चुके हैं। सऊदी अरब के विदेश मंत्री और खनिज मंत्री ने भी नवंबर 2024 और फरवरी 2025 में भारत का दौरा किया।
दोनों नेताओं की बातचीत में होगा रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर कहा, यह चर्चा का एक अहम क्षेत्र होने जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही भारत का रुख स्पष्ट किया है कि इस मसले का हल बातचीत से निकलना चाहिए। सभी पक्षों को एक मेज पर बैठकर इसका समाधान ढूंढना चाहिए। हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि ऐसा कुछ हो रहा है। यह अच्छा है कि सऊदी अरब जैसा साझेदार फिर से इसमें शामिल है। मैं पहले ही यह नहीं कह सकता कि बातचीत की प्रकृति कैसी होगी। लेकिन इतना जरूर कह सकता हूं कि यह मुद्दा दोनों नेताओं के बीच प्रमुख चर्चा का विषय होने जा रहा है।