TIO, पटना।

चुनावी रणनीतिकार और जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को लेकर बड़ा बयान दिया है। प्रशांत किशोर ने कहा, सम्राट चौधरी जैसे 10 आदमी को नीतीश कुमार डुबाने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने पहले सम्राट चौधरी का मुरेठा खुलवाया। इज्जत नीलाम करवाई। अब नीतीश बीजेपी को ऐसा डुबाएंगे कि सम्राट चौधरी में पार्टी को उठाने का दम नहीं बचेगा।

प्रशांत किशोर का कहना था कि नीतीश कुमार की यही तारीफ है कि राजनीति के अपने अंतिम दौर में भी उन्होंने यह साबित कर दिया है कि बिहार में जितने (नेता) हैं, सब उनके पीछे पलटने वाले लोग हैं। इनकी आपस की कोई ताकत नहीं है। हम तो इसलिए कह रहे हैं कि बीजेपी में अगर दम है तो 2025 के चुनाव के लिए नीतीश कुमार को अपना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करें। सम्राट चौधरी यहां बीजेपी के नेता हैं। उनसे जाकर पूछा जाना चाहिए।

‘सबको पलटूराम बना दिया’
प्रशांत ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार जैसे पलट-पलट कर सबको पलटुराम बना दिए हैं, वैसे ही खुद डूबेंगे और बीजेपी को भी लेकर पूरा डूब जाएंगे। सम्राट चौधरी में पार्टी को उठाने का दम नहीं है। अभी मुरेठा खुलवाया है। सब खुल जाएगा। इज्जत गई वो अलग। प्राण-प्रतिष्ठा भी चली गई। अब नीतीश का जूनियर बनकर झोला लेकर घूम रहे हैं। वो नीतीश को नहीं जानते हैं। नीतीश बाबू को बिहार में मुझसे ज्यादा कोई नहीं जानता है। सम्राट चौधरी जैसे 10 आदमियों को नीतीश कुमार डुबाने की क्षमता रखते हैं। जाते-जाते डुबाकर जाएंगे।

‘नीतीश के पास समझदारी बहुत ज्यादा है’
उन्होंने कहा, नीतीश ने तेजस्वी यादव को भी बैठा दिया है। तेजस्वी ने नीतीश को पलटू चाचा कहा तो उसी तेजस्वी को अपने साथ लाकर अपने कसीदे कसवाए। उसके बाद 15 महीने तक बीजेपी-सम्राट चौधरी ने गाली दी तो अब भाजपाइयों को खड़ा करके कह दिया कि हमारा गुणगान करो। ये नीतीश कुमार की राजनीति की ताकत है। बाकी उनका संगठन नहीं है। वोट नहीं है। लेकिन ये समझदारी नीतीश कुमार की बहुत ज्यादा है।

प्रशांत ने क्यों किया मुरेठा का जिक्र?
दरअसल, बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के मुरेठा पहनना पर चचार्एं होती रही हैं। करीब 22 महीने पहले बिहार में जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनी तो विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष रहते हुए सम्राट चौधरी ने संकल्प लिया था कि वे नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने के बाद ही अपने सिर से मुरेठा हटाएंगे। सितंबर 2022 में जब सम्राट की मां का निधन हुआ, तब भी वो सिर पर मुरेठा बांधे देखे गए थे। बाद में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़ा और एनडीए की सरकार में फिर से सीएम बन गए। इस सरकार में सम्राट चौधरी डिप्टी सीएम बनाए गए।

जुलाई के पहले हफ्ते में सम्राट अयोध्या पहुंचे। वहां उन्होंने सरयू नदी में स्नान किया और अपना मुरेठा खोला। सम्राट ने अयोध्या में प्रभु श्रीराम के दर्शन भी किए। मीडिया से बातचीत में सम्राट चौधरी ने बताया कि वे करीब 22 महीने से मुरेठा बांधे थे। अब अयोध्या में प्रभु श्रीराम के चरणों में अपना मुरेठा को समर्पण करने आए हैं। चौधरी का कहना था कि हम लोगों ने 2 साल पहले बिहार से महागठबंधन की सरकार को हटाने का अभियान शुरू किया था। इसी साल 28 जनवरी को नीतीश कुमार जी हमारे साथ आ गए। उनको मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद हम लोगों ने तय किया था कि अयोध्या जाकर प्रभु श्रीराम के चरणों में पगड़ी को समर्पित करने का काम करेंगे।

मुरेठा क्या होता है?
मुरेठा (पगड़ी) एक प्रकार का पारंपरिक कपड़ा है, जो सिर पर बांधा जाता है। यह कई उद्देश्यों को पूरा करता है। यह मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा और गुजरात में लोकप्रिय है। इसे आमतौर पर विशेष अवसरों, त्योहारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में पहना जाता है। मुरेठा की डिजाइन और बांधने की शैली क्षेत्र और समुदाय के अनुसार भिन्न हो सकती है। बिहार में कंधे पर गमछा रखना आम प्रथा है। लोग जब चाहते हैं तो मुरेठा के तौर पर भी इस्तेमाल कर लेते हैं। लोग पगड़ी (मुरेठा) को अपने मान सम्मान से जोड़ते हैं।

‘लोकप्रिय हो रहा है जनसुराज’
इससे पहले राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बयान में कहा था कि वे महात्मा गांधी की जयंती (2 अक्टूबर) पर अपने ‘जन सुराज’ अभियान को एक राजनीतिक पार्टी में बदल देंगे। प्रशांत किशोर ने आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना की घोषणा की थी। उन्होंने जन सुराज मंच के तहत अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) श्रेणी से कम से कम 75 उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का इरादा भी जताया था। प्रशांत किशोर का कहना था कि जन सुराज आगामी चुनावों में 40 महिला नेताओं को टिकट देगा। विधानसभा में किसी भी पार्टी के पास कभी भी 30 महिला विधायक नहीं रही हैं। उन्होंने बिहार के जिलों में सक्षम महिला उम्मीदवारों को खोजने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, जन सुराज में हमारा मानना ??है कि हर जिले में कम से कम एक महिला नेता को चुनाव लड़ना चाहिए। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम ऐसी महिलाओं की पहचान करें जो समाज में प्रभावी योगदान दे सकें और अपने जिले का प्रतिनिधित्व कर सकें। इस साल मई में प्रशांत किशोर ने घोषणा की थी कि जन सुराज 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव आसानी से जीत दर्ज करेगा। उन्होंने कहा, मैं पूरे विश्वास के साथ कह रहा हूं कि 2025 में बिहार में जन सुराज जीतेगा। उन्होंने इस बात को खारिज कर दिया कि तेजस्वी यादव अगले मुख्यमंत्री बन सकते हैं।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER