TIO, मुंबई।
महाराष्ट्र की राजनीति हमेशा ही चर्चा का केंद्र रहती है। यहां बीच में एक ऐसा समय आया जब परिवार के दो लोग ही एक ही पार्टी को लेकर आपस में भिड़ गए। जी हां हम बात कर रहे हैं शरद पवार और अजित पवार की। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर अपने अपने हक के लिए दोनों ने ही काफी लड़ाई लड़ी और यह जीत अजित पवार के पाले में गई। जिस समय चाचा-भतीजा एक दूसरे से अलग हुए थे उस समय सबने अपनी अपनी राय रखीं। हालांकि, अब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पाला बदलने और भाजपा-शिवसेना से हाथ मिलाने के अपने कारणों को स्पष्ट किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पत्र जारी किया है। अजित पवार ने लिखा, ‘ मैंने भाजपा और शिवसेना में शामिल होते समय अलग तरह से सोचा और इसकी चर्चा अभी भी कई चैनलों के माध्यम से विभिन्न तरीकों से की जा रही है। यह पत्र मेरी सही स्थिति और सोच के बारे में राज्य के लोगों को बताने के उद्देश्य से लिखा गया है।’
मुझे संयोग से मिला राजनीति में मौका
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘वर्ष 1991 से मैं सही मायनों में राजनीतिक जीवन में आगे बढ़ रहा हूं। मुझे राजनीति में कौन लाया, किसने मुझे मंत्री पद दिया, किसने मुझे अवसर दिए, इस पर बहुत चर्चा हुई। दरअसल मुझे राजनीति में मौका संयोग से मिला, उस समय प्रदेश स्तर पर नेतृत्व के लिए एक युवा की जरूरत थी, तो परिवार के सदस्य के रूप में मुझे वह मौका मिला। अवसर मिलने के बाद, मैंने दिन-रात कड़ी मेहनत की, अन्य सभी जिम्मेदारियों को नजरअंदाज किया और खुद को सामाजिक कार्यों के लिए समर्पित कर दिया। यह यात्रा तीन दशकों से अधिक समय से चल रही है। मेरा ध्यान हमेशा न केवल अवसरों को पाने पर बल्कि लोगों से काम कराने के लिए उनका उपयोग कैसे किया जाए इस पर भी था।’
सुबह पांच बजे से काम करने की आदत
उन्होंने आगे लिखा, मैंने सुबह पांच बजे से काम शुरू करने की आदत बना ली, क्योंकि हाथ में मिले समय में सामाजिक, रचनात्मक और विकासात्मक कार्य जल्दी शुरू हो जाने चाहिए। मैंने हमेशा उन मतदाताओं के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने का प्रयास किया, जिन्होंने मुझसे प्यार किया और अपना विश्वास व्यक्त किया। राजनीति के समाजीकरण में पहले दिन से ही विकास को किसी भी अन्य मुद्दे की तुलना में सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है, आज भी और भविष्य में भी। विकास सदैव मेरा और मेरे सभी साथियों का एक सूत्री कार्यक्रम रहेगा।’
शक्ति होना जरूरी
उन्होंने कहा, ‘कुछ समय तक वह सत्ता में रहे और कुछ समय तक विपक्ष में रहे। सत्ता में रहते हुए काम की गति और विपक्ष में रहते हुए रुके हुए काम, दोनों का अनुभव किया। इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि यदि कोई जनता के प्रतिनिधि के रूप में काम करना चाहता है, तो उसके पास शक्ति होनी चाहिए। विचारधारा और लक्ष्यों से कोई समझौता किए बिना विकास कार्यों को गति देने के उद्देश्य से एक अलग रुख अपनाया गया। किसी का अपमान करने, किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने, किसी के साथ विश्वासघात करने या किसी की पीठ में छुरा घोंपने का बिल्कुल भी इरादा नहीं था और न ही कभी होगा। मेरे मन में हमेशा बड़ों के प्रति सम्मान, साथियों को साथ लेकर चलने और युवाओं को जगह-जगह अवसर देने की भावना रही है।’
मुझे उनके गुण पसंद आए
अजित पवार ने आगे लिखा, ‘मैंने किसी विचारधारा और उद्देश्य से समझौता किए बिना विकास कार्यों को पूरा करने के इरादे से अपनी भूमिका निभाई है। मैंने पाया कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में इस देश में किए जा रहे विकास कार्य महत्वपूर्ण हैं। मुझे उनके गुण पसंद आए जैसे तेज नेतृत्व और सही निर्णय लेने की प्रक्रिया। मेरी कार्यशैली और उनकी शैली बहुत समान है। मेरा बड़ों का अनादर करने का कोई इरादा नहीं है।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘इस अवसर पर मैं राज्य की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी किसी की व्यक्तिगत आलोचना करने से बचेगी और विकास का खाका राज्य की जनता के सामने लाएगी। मैं सभी सम्मानित नागरिकों से विनम्रतापूर्वक अपील करता हूं कि वे विकास के इस पथ पर मेरे साथ आएं।’