लखनऊ। सपा अपने कई विधायकों को लोकसभा चुनाव में उतारेगी। यह संकेत अखिलेश यादव ने पार्टी मुख्यालय पर हुई विधायकों की बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को उतनी ही सीटें दी जाएंगी, जितने पर उसके पास जीतने वाले प्रत्याशी होंगे। अपने नेताओं को अखिलेश ने बेरोजगारी और महंगाई सरीखे आमजन के मुद्दों पर ही केंद्रित रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भाजपा के धर्म से संबंधित किसी मुद्दे में न फंसें। विधायकों से प्रत्याशियों के बारे में बंद लिफाफे में सुझाव भी लिए गए। अखिलेश ने विधायकों के साथ 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे नेताओं को बुलाया था।

मायावती का करें सम्मान
बैठक में अखिलेश यादव ने कहा है कि मायावती उम्र में हमसे बड़ी हैं। वे बड़ी नेता हैं और हम सबको उनका सम्मान करना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक बैठक में कई विधायकों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों को लेकर शिकायत की। अखिलेश ने ऐसी बातें दोबारा न होने देने का आश्वासन दिया। सपा कार्यालय के बाहर लगा होर्डिंग भी चर्चा का विषय रही। सपा के युवजन सभा के पूर्व प्रदेश सचिव आशुतोष सिंह द्वारा लगाए गये इस होर्डिंग में श्रीराम मंदिर के साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर भी लगी है, जिसमें ”आ रहे हैं हमारे आराध्य प्रभु श्रीराम” लिखा है।

वीएचपी के निमंत्रण पर बोले अखिलेश
विश्व हिंदू परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार के उन्हें निमंत्रण देने के बयान पर अखिलेश यादव ने कहा, मैं उनको (आलोक कुमार ) नहीं जानता हूं। निमंत्रण वह देते हैं, जो एक दूसरे को जानते हैं। मेरी कभी उनसे कोई मुलाकात नहीं हुई। जिसका परिचय एक-दूसरे का होता है, वही एक-दूसरे को ”व्यवहार” देते हैं। दरअसल, विश्व हिंदू परिषद की ओर से आलोक कुमार सपा प्रमुख अखिलेश यादव को निमंत्रण देने गए थे।

मेट्रो बराबर उपलब्धि भाजपा की किसी योजना की नहीं
अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादियों ने मेट्रो हर शहर में दी। 2017 से अभी तक 8.4 करोड़ लोगों ने मेट्रो में सफर किया है। इतनी बड़ी उपलब्धि भाजपा की किसी योजना की नहीं होगी।

जिसे सुरक्षा की जरूरत, तत्काल उपलब्ध कराई जाए
अखिलेश ने कहा कि सरकार हमारे विधायकों की सुरक्षा नहीं कर पा रही है। पहले जिन्हें सुरक्षा मिली थी, उसे भी वापस ले ली गई। हमारी मांग है कि किसी भी पार्टी का नेता अगर उसे सुरक्षा की आवश्यकता है, तो उसे तत्काल सुरक्षा मिलनी चाहिए।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER